राम मंदिर की चुनाव प्रक्रिया ही गलत
बिष्टुपुर राम मंदिर के चुनाव को लेकर तैनात किए गए मजिस्ट्रेट डीक
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर राम मंदिर के चुनाव को लेकर तैनात किए गए मजिस्ट्रेट डीके पांडेय व अनीश कुमार ने शुक्रवार को चुनाव प्रक्रिया की पूरी रिपोर्ट एसडीओ धालभूम को समर्पित कर दी है। इस रिपोर्ट के प्राप्त होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि एसडीओ शनिवार को राम मंदिर को लेकर नया आदेश जारी करेगी। इधर, मजिस्ट्रेटों द्वारा जो रिपोर्ट एसडीओ को सौंपी गई है, उसमें राम मंदिर की पूरी चुनावी प्रक्रिया को ही कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। सिर्फ यहीं निर्वाचन पदाधिकारियों की भूमिका को भी संदिग्ध बताया गया है। निर्वाचन पदाधिकारी टी आदिनारायण राव व के वेणुगोपाल पर समझौते के बाद भी मुकर जाने की बात कहीं गई है। इस संबंध में एसडीओ माधवी मिश्रा ने सिर्फ इतना कहा कि मजिस्ट्रेटों ने रिपोर्ट तो सौंप दी है, लेकिन वे इसका अध्ययन नहीं कर पायी। इस संबंध में अध्ययन करने के बाद शनिवार को कोई आदेश जारी किया जायेगा।
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ये हैं रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
1. 04 जून को आहूत बैठक में हुए समझौते का उल्लंघन।
2. 22 जुलाई को प्रकाशित स्क्रूटनी सूची में मात्र दो सदस्यों के हस्ताक्षर हैं तथा इसमें चुनाव कार्यक्रम के समय का भी पालन नहीं किया गया।
3. चुनाव कार्यक्रम में वोटर लिस्ट के टांगे जाने और शिकायतों का निबटारा करने तक की तिथि नहीं बतायी गई।
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निष्कासित सदस्यों के कारण रद हुआ राम मंदिर का चुनाव : पप्पू जासं, जमशेदपुर : आध्र भक्त श्री राममंदिरम बिष्टुपुर में जिस प्रकार का अशात का माहौल व्याप्त है, इसके लिए मुख्य रूप से निष्कासित सदस्य पी प्रभाकर राव, सत्या राव, दुर्गा प्रसाद, सी एच रमणा जिम्मेदार है। मंदिर में तेलुगु समाज की प्रतिष्ठा को ताक पर रखकर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए मंदिर के चुनाव को बार-बार प्रभावित कर ये चारों सदस्य अपना वर्चस्व साबित करना चाहते हैं। यह बातें महासचिव पद के प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर चुके एनवीएन प्रसाद राव उर्फ पप्पू ने कही। पप्पू का कहना है कि ये लोग मंदिर के 1834 सदस्यों की गरिमा को बंधक बनाने का काम कर रहे हैं। अधिकाश सदस्य चुनाव कराना चाहते हैं पर यह लोग बार-बार
किसी ना किसी असंवैधानिक तरीके से बाधा उत्पन्न कर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास करते हैं और प्रशासन को गलत जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं।