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हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत कर रहा रक्षाबंधन का धागा

आसिया परवीन हर साल साकची में चाट की दुकान चलाने वाले अपने मुंहबोले भाई पप्पू सरदार को हर साल राखी बांधती हैं।

By Edited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 02:42 PM (IST)
हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत कर रहा रक्षाबंधन का धागा
हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत कर रहा रक्षाबंधन का धागा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मेवाड़ की रानी कर्णवती के मुगल बादशाह हुमायूं को राखी बांधने से शुरू हुई रवायत अब भी बकरार है। अब भी रक्षा बंधन का धागा हिंदू और मुसलमानों के बीच एकता की तारीख रकम कर रहा है। जमशेदपुर में भी कई मुस्लिम बहनें अपने हिंदू भाइयों को राखी बांधती हैं। उनके भाई परंपरा का निर्वाह करते हुए राखी बंधवाने के लिए उनके घर आते हैं। इन बहनों ने रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर शनिवार को राखी की तैयारी कर ली है। इसके लिए बाजार से सामान खरीद लिया है। इनमें राखी, मिठाई और अन्य चीजें शामिल हैं। मानगो के माई कंट्री माई लाइफ के अध्यक्ष मो. शमीम को इलाहाबाद के नैनी की रहने वाली पिंकी ज्योति हर साल डाक से राखी भेजती हैं। वो स्कूल के समय से ही शमीम को राखी बांध रही हैं।

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सरयू समेत तीन हिंदू भाइयों को राखी बांधेंगी फातिमा
सहारा सिटी की रहने वाली फातिमा शाहीन इस बार तीन हिंदू भाइयों को राखी बांधेंगी। वो अपने मुंह बोले भाई सोनारी के प्रमांशु सिंह को 22 साल से और सहारा सिटी के एक चौकीदार अनिल शर्मा को दो साल से राखी बांध रही हैं। इस साल मंत्री सरयू राय भी उनके भाई बने हैं और फातिमा उनको भी राखी बांधेंगी। फातिमा ने बताया कि सोनारी के कागलनगर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले प्रमांशु कदमा लिंक रोड की टीसी कॉलोनी में उनके पड़ोसी थे। वो फातिमा के भाई के दोस्त थे। 22 साल पहले जब वो फातिमा के घर आए थे तब उनको राखी बांधी थी। तब से ये सिलसिला लगातार चल रहा है। फातिमा ने अपने तीनों भाइयों मंत्री सरयू राय, प्रमांशु सिंह और अनिल शर्मा को राखी बांधेंगी। उन्होंने इसकी तैयारी कर ली है। राखी और मिठाइयां खरीद ली हैं।

इफ्तार कराने के बाद मानने लगीं भाई
मानगो के ओल्डपुरुलिया रोड की रहने वाली आसिया परवीन हर साल साकची में चाट की दुकान चलाने वाले अपने मुंहबोले भाई पप्पू सरदार को हर साल राखी बांधती हैं। ये सिलसिला आठ साल से बराबर चल रहा है। वो हर साल राखी बांधने के लिए पप्पू की दुकान पर आती हैं। बात 2010 की है। आसिया की शादी जुगसलाई में हुई थी। वो अपने पति के साथ रमजान में रोजा खोलने अचानक पप्पू की दुकान पर पहुंचीं। वहां बिना आर्डर दिए ही इफ्तार का सामान आ गया। कोल्ड ड्रिंक वगैरह पीने के बाद जब वो काउंटर पर पहुंचीं तो पप्पू ने ये कहते हुए पैसे लेने से मना कर दिया कि वो मुफ्त इफ्तार कराते हैं। बातचीत में जब आसिया ने बताया कि वो दो बहनें हैं और भाई कोई नहीं है तो पप्पू ने झट से कहा कि दुख मत करो अब से वो आपका भाई है। तब से आसिया का पप्पू को राखी बांधने का सिलसिला लगातार चल रहा है। पप्पू भी हर ईद में ईदी के तौर पर उसके और उसके सास व ससुर के लिए कपड़े लेकर बहन के घर जुगसलाई पहुंचते हैं।


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