Move to Jagran APP

Jamshedpur News : मध्यप्रदेश के धार में राजा भोज ने बनाया था माता श्री वाग्देवी मंदिर, यह कैसे बन गया कमाल मौला मस्जिद जानें

Jamshedpur News हिंदू जनजागृति समिति के वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में जमशेदपुर से जुड़े समिति के सदस्यों ने भी भाग लिया था। अखिल भारत हिंदू महासभा के देवेंद्र पांडे ने कहा- माता श्री वाग्देवी का (श्री सरस्वती देवी ) सर्वाधिक प्राचीन मंदिर था।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 06:05 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 06:05 PM (IST)
Jamshedpur News : मध्यप्रदेश के धार में राजा भोज ने बनाया था माता श्री वाग्देवी मंदिर, यह कैसे बन गया कमाल मौला मस्जिद जानें
मध्य प्रदेश के धार स्थित माता श्री वाग्देवी (सरस्वती) मंदिर।

जमशेदपुर, जासं। देश भर में इन दिनों काशी के ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे को लेकर खलबली मची हुई है। इसी क्रम में हिंदू जनजागृति समिति के वेबिनार में नया मामला सामने आया है। इसमें मध्य प्रदेश के 'अखिल भारत हिंदू महासभा' के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडे ने कहा- राजा भोज द्वारा मध्य प्रदेश के धार में वर्ष 1034 में स्थापित किया माता श्री वाग्देवी का (श्री सरस्वती देवी ) सर्वाधिक प्राचीन मंदिर था। उस पर वर्ष 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण कर उसे नष्ट करने का प्रयास किया। वर्ष 1401 में दिलावर खान ने आक्रमण किया और मंदिर के प्रवेशद्वार के निकट मस्जिद बनाई। तदुपरांत महमूद ने और एक मस्जिद बनाई। ब्रिटिश काल में वर्ष 1875 में मंदिर के स्थान पर उत्खनन करते समय प्राप्त हुई माता वाग्देवी की मूर्ति इंग्लैंड के संग्रहालय में ले जाई गई। आज भी भारत का ज्ञान और बुद्धि इंग्लैंड में बंदी है। भारत सरकार इस विषय में इंग्लैंड से संवाद कर वह मूर्ति पुनः ला सकती है। इसके लिए हिंदुओं को दबाव निर्माण करना होगा।

loksabha election banner

मंदिर बचाने के लिए कई पीढ़ियों ने दिया है बलिदान

इस वेबिनार में जमशेदपुर से जुड़े समिति के सुदामा शर्मा ने बताया कि चर्चा के दौरान एक न्यूज चैनल के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाण ने कहा- भारत के हजारों मंदिर तोड़कर इस्लामी आक्रमणकर्ताओं ने वहां मस्जिदें बनाईं। उस प्रत्येक मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए हिंदुओं की अनेक पीढ़ियों ने प्राणों का बलिदान दिया है, परंतु मंदिर से अपना अधिकार कभी नहीं छोड़ा। हम भी उन्हीं हिंदुओं के वंशज हैं। हिंदुओं से जो-जो छीन लिया गया है, वह आपको उन्हें पुनः लौटाना होगा। यह आज का नया हिंदुस्तान है। हिंदुओं के धार्मिक स्थल पुनः प्राप्त करने का संकल्प कुछ शतक पूर्व किया गया था, उसे साकार करने के प्रयास अब हो रहे हैं। केवल अयोध्या का श्रीराम मंदिर, काशी का श्री विश्वनाथ मंदिर, मथुरा का श्रीकृष्ण मंदिर ही नहीं कुतुबमीनार सहित देशभर के ऐसे 36 हजार मंदिरों की सूची है, ये हड़पे हुए मंदिर पुनः प्राप्त किए बिना हिंदू रुकेंगे नहीं।

सनातन संस्था के धर्म प्रचारक अभय वर्तक ने कहा कि मुगलों ने अनेक मंदिर गिराए। उस पर हिंदुओं ने संघर्ष कर उनका पुनः निर्माण किया, परंतु मुगल आक्रमणकारियों ने उन्हें पुनः ध्वस्त किया। अब भी हम मंदिरों का पुनर्निर्माण कर रहे हैं, परंतु मंदिरों की रक्षा के लिए हम क्या व्यवस्था करने वाले हैं, इसका विचार हिंदुओं को करना होगा। इतिहास में हुई चूक पुनः नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही हिंदुओं से विश्वासघात कर कांग्रेस सरकार द्वारा तैयार किया गया 'प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991' मंदिरों के निर्माण में बाधक बन रहा है। यह कानून तत्काल हटाया जाना चाहिए। जहां-जहां मंदिर तोडकर मस्जिद बनाई गई, वहां पुनः मंदिर बनाया जाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.