वर्षा जल संरक्षण के लिए सात को होगा श्रमदान
वर्षा जल संरक्षण व संचयन के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में सात जुलाई से अभियान चलाया जाएगा। इसमें कुल 58 समस्याएं रखी जाएंगी।
जासं, जमशेदपुर : वर्षा जल संरक्षण व संचयन के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में सात जुलाई से अभियान चलेगा, जिसमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी श्रमदान करेंगे। उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि 15 सितंबर तक चलने वाले जल शक्ति अभियान की शुरुआत सात जुलाई को होगी, जिसमें शहर की 58 संस्थाएं शामिल होंगी। इन संस्थाओं के साथ मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय में दोपहर दो बजे से बैठक होगी, जिसमें उनसे भूगर्भ जल संकट के घटते स्तर और जल की बर्बादी रोकने पर चर्चा होगी।
इस संबंध में सोमवार को झारखंड सरकार के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्त को 'जल शक्ति अभियान' को सफल बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने अभियान में शामिल सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसका नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग होगा। उन्होंने जल शक्ति अभियान से जनता से लेकर जनप्रतिनिधि और कर्मी से लेकर अधिकारी तक को जोड़ने का निर्देश उपायुक्त को दिया। उपायुक्त को सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया। सात जुलाई को व्यापक जनजागरूकता के लिए हर स्तर के अधिकारी, कर्मचारी, जनता और जनप्रतिनिधि से लेकर संगठन व संस्था तक को शामिल कर जल संरक्षण के लिए श्रमदान करेंगे। उपायुक्त ने बताया कि उस दिन हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर से श्रमदान करेगा। इसमें पौधरोपण भी किया जाएगा।
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प्रखंड स्तर पर होगी निगरानी
उपायुक्त ने बताया कि जल शक्ति अभियान प्रखंड स्तर पर चलेगा। इसमें जिला के वरीय पदाधिकारी अलग-अलग प्रखंड की निगरानी करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशयों की स्थिति सुदृढ़ की जाएगी। पौधरोपण भी भूगर्भ जलस्तर को ऊंचा करने में सहायक होता है।