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Indian railway : बोनस नहीं मिलने पर रेलकर्मियों ने दी 22 अक्टूबर को काम ठप करने की चेतावनी

Indian Railway. दुर्गा पूजा से पहले जहां एक तरफ लगभग सभी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बोनस का तोहफा दिया है वही केंद्र सरकार द्वारा रेलकर्मियों के लिए अभी तक बोनस की घोषणा नहीं की गई है। इससे रेलकर्मी आंदोलनरत हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 01:31 PM (IST)
Indian railway : बोनस नहीं मिलने पर रेलकर्मियों ने दी 22 अक्टूबर को काम ठप करने की चेतावनी
रेल कर्मचारियों के साथ बैठक करते यूनियन के पदाधिकारी। जागरण

जमशेदपुर, जासं।  दुर्गा पूजा से पहले जहां एक तरफ लगभग सभी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बोनस का तोहफा दिया है वही केंद्र सरकार द्वारा रेलकर्मियों के लिए अभी तक बोनस की घोषणा नहीं की गई है। इसको लेकर रेलकर्मियों में केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर रेलकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।

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ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि रेलकर्मियों को जल्द से जल्द बोनस दिया जाए और रात्रि भत्ता कटौती का आदेश को वापस लिया जाए। अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो  22 अक्टूबर को रेल की सारी गतिविधियों पर विराम लग जाएगा। बुधवार को देशव्यापी बोनस डे पर मंगलवार को दक्षिण- पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के रनिंग मंडल शाखा सचिव एम के सिंह व ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पारस कुमार के नेतृत्व में टाटानगर के साथियों के साथ मिलकर प्रत्येक विभाग के कर्मचारियों को जागरुक किया। 

पूरे देश में चल रहा आंदोलन

रेलकर्मियों को बताया गया कि सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे भारत के रेलकर्मी बोनस की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि करोना काल में अपने जीवन को दांव पर लगा कर रेलकर्मियों ने रेल परिचालन पूरे समर्पण के साथ कर देश की सेवा कर रहे हैं। सेवा करते हुए हमारे करीब 200 कर्मचारी स्वर्ग सिधार गए। एक दिन का वेतन के साथ-साथ अपने अठारह महीने का महंगाई भत्ता का बलिदान किया। फिर भी सरकार हमारे बाल -बच्चे की खुशियों का बलिदान मांग रही है और हमारे बोनस पर कुठाराघात करने पर अड़ी है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

 रात्रि भत्ता काटने का आरोप

तापस चट्टराज ने कहा कि कठिन परिश्रम से अर्जित किए जाने वाले रात्रि भत्ता को 17 जुलाई 2000 से  सरकार काटने पर अमादा है जो बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। पारस कुमार ने कहा कि ऐसे आर्थिक शोषण का आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के साथ आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन कंधा से कंधा मिलाकर सख्त विरोध करता है।  इस आक्रोश प्रदर्शन में अनंत प्रसाद, बालक दास, संजय सिंह, एम पी गुप्ता, सुरेश सिंह, एके सिंह, बाबू राव, आई डी प्रसाद, एन के शर्मा, जेबी सिंह आदि ने योगदान दिया।


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