Railway News : रेलवे के किस निर्णय ने रेल ड्राइवरों के सामान का बोझ तीन किलो किया कम, जानें पूरी बात
Jamshedpur News रेलवे ड्राइवर को अब जनरल रूल (जीआर) व सब्सिडरी रूल (एसआर) बुक को उठाने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे बोर्ड एक जून से ड्राइवरों व गार्ड को मिलने वाली लाइन बाक्स की सुविधा को बंद कर रही है।
निर्मल, जमशेदपुर : रेलवे के ड्राइवरों के लिए खुशखबरी। अब उन्हें मिलने वाले जनरल रूल (जीआर) व सब्सिडरी रूल (एसआर) बुक को उठाने की जरूरत नहीं। रेलवे बोर्ड इन बुक को डिजिटल रूप में तैयार कर रहा है।
रेलवे बोर्ड एक जून से ड्राइवरों व गार्ड को मिलने वाली लाइन बाक्स की सुविधा को बंद कर रही है। इसके बाद रनिंग स्टाफ को न सिर्फ ट्राली बैग खुद लेकर जाना होगा बल्कि उसे ट्रेन पर चढ़ाना और उतारना भी है। इस ट्राली बैग में हथौड़ा सहित ब्रेकडाउन होने पर उपयोग आने वाले कई तरह औजार सहित अन्य सामान रहते हैं। जिसका वजन 15 से 18 किलोग्राम होता है। इसमें जीआर और एसआर बुक भी होता है जिसका वजन ही ढ़ाई से तीन किलोग्राम तक होता है। ऐसे में ट्राली बैग का वजन को कम करने के लिए रेलवे बोर्ड अब इन बुक को डिजिटल फार्म पर तैयार कर रही है।
रेलवे बोर्ड के अंतर्गत कार्यरत जितने भी पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट सहित लोको के ड्राइवर होते हैं उन्हें दो तरह के बुक मिलते हैं। पहला जनरल बुक रेलवे बोर्ड से जबकि दूसरा सब्सिडरी बुक संबधित जोन के तरफ से मिलता है। ट्रेन परिचालन के दौरान किसी तरह की आपात स्थिति आने पर ड्राइवर इन बुक का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें वे देखते हुए संबधित समस्या के लिए नियमावली में किस तरह का निर्देश दिया गया है, उसे पढ़कर ही वे ट्रेन का परिचालन करते हैं। इसके अलावा ट्रबल शूटिंग डायरी (टीएसडी) व वर्किंग टाइम टेबल को भी डिजिटल फार्म में लाने की पहल कर रही है।
रेलवे बोर्ड की इस पहल का स्वागत है। इसके साथ ही नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआइआर) की ओर से हमने रेलवे बोर्ड से मांग की है कि डिजिटल बुक को पढ़ने के लिए ड्राइवरों को टैब दिया जाए, ताकि वे नियमावली को आसानी से पढ़ सकें।
शशि मिश्रा, महामंत्री, मेंस कांग्रेस, चक्रधरपुर मंडल