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चार्जशीट व मेडिकल जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म नहीं

पीड़िता की मेडिकल जांच करने वाली चार डाक्टरों की टीम की जांच रिपोर्ट ने पूरे मामले को अलग एंगल दे दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 08:45 AM (IST)
चार्जशीट व मेडिकल जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म नहीं
चार्जशीट व मेडिकल जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म नहीं

गुरदीप राज, जमशेदपुर : सोनारी भारत सेवाश्रम संघ में 18 दिसंबर 2018 को नाबालिग के साथ कथित दुष्कर्म मामले में नया मोड़ आ गया है। अदालत में दाखिल चार्जशीट में सोनारी पुलिस ने कहा है कि यह मामला दुष्कर्म का नहीं, छेड़खानी का है। मालूम हो कि आरोपित स्वामी सुजीत महाराज इस समय जेल में बंद है।

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अनुसंधानकर्ता एएसआइ मुनिता कुमारी ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की। इसमें आइपीसी की धारा 354 ए व आठ पोक्सो एक्ट के तहत सुजीत महाराज को आरोपित किया गया है। धारा 354 ए जमानतीय है। इसमें तीन वर्ष तक, जबकि आठ पोक्सो एक्ट में तीन से पांच वर्ष तक सजा का प्रावधान है। पुलिस रिपोर्ट पर कोर्ट एक मार्च को समीक्षा करेगी। अदालत पर निर्भर करेगा कि पुलिस रिपोर्ट को सही माने या पीड़िता के 164 के बयान के आधार पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई को आगे बढ़ाए। उधर, पीड़िता के परिजन पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट हैं। उन्होंने सीबीआइ जांच की मांग की है।

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मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से

मामले में आया नया मोड़

पीड़िता की मेडिकल जांच करने वाली चार डाक्टरों की टीम की जांच रिपोर्ट ने पूरे मामले को अलग एंगल दे दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं। प्राइवेट पार्ट में किसी तरह की चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। न ही सीमेन के चिह्न मिले। रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 15 से 16 वर्ष बताई गई है। वैसे कपड़ों की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। डा. पूनम मेहता, डा. प्रेमलता, डा. विमलेश कुमार व डा. महेश्वर प्रसाद ने संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट तैयार की है।

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महिला आयोग से की गई शिकायत

पीड़िता की भाभी ने राज्य महिला आयोग को पत्र लिखकर अनुंसधानकर्ता व एक वरीय अधिकारी की शिकायत की है। लिखा है कि वह मध्य प्रदेश के जबलपुर के तिलवाड़ थाना क्षेत्र की रहनेवाली है। बच्चे को गले के कैंसर था। इलाज कराने जमशेदपुर गए थे। भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी सुजीत महाराज ने ननद के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस में मामला दर्ज कराने के बाद अनुसंधानकर्ता ने साक्ष्य नहीं एकत्र नहीं किया। आरोपित को लाभ पहुंचाने के लिए मामूली धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिया। शहर के एक वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी ने उनके पति के साथ दु‌र्व्यवहार कर थप्पड़ भी मारा था।

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कोट --

मेरे साथ स्वामी सुजीत महाराज ने दुष्कर्म किया है। मेरे साथ जो कुछ बीता, उससे बाहर नहीं निकल पाई हूं। मैंने कोर्ट में भी दुष्कर्म होने की बात कही है। पुलिस ने मेरे साथ न्याय नहीं किया है।

- पीड़िता

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दुष्कर्म के मामले में आरोपित को लाभ पहुंचाने के लिए डॉक्टरों ने तोड़-मरोड़ कर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। चारों डाक्टरों के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।

-अजय सिंह राठौर, पीड़िता के अधिवक्ता

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स्वामी सुजीत महाराज ने मेरी बहन के साथ दुष्कर्म किया, लेकिन पुलिस व डॉक्टर आरोपित को ही लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं चुप रहने वाला नहीं हूं। अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ता रहूंगा। सीबीआइ से मदद की गुहार लगाएंगे।

- पीड़िता का भाई

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