भुवनेश्वर से टाटानगर उतरे दो यात्री हुए क्वारंटाइन, 61 गए दिल्ली Jamshedpur News
स्टेशन का मुख्य द्वार छोड़कर सभी रास्तों को किया गया बंद डीसीएम एरिया मैनेजर सहित पूरा रेलवे महकमा टाटानगर में रहा सक्रिय ।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। भुवनेेश्वर-दिल्ली स्पेशल ट्रेन से दो यात्री टाटानगर स्टेशन पर बुधवार शाम 4.38 बजे पहुंचे। इन दोनों यात्रियों को टेल्को के नेपाल हाउस में बने क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया। यहां इनकी स्वास्थ्य जांच की जाएगी। सबकुछ ठीक रहा तो इन्हें 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा। वहीं टाटानगर से दिल्ली के लिए 66 लोगों ने ऑनलाइन रिजर्वेशन कराया था, लेकिन 61 यात्री ही ट्रेन से रवाना हुए है। बाकी पांच यात्रियों ने अपनी टिकटें रद करा ली हैं।
दोपहर एक बजे से ही अलर्ट थे कर्मचारी
इससे पहले बुधवार को सुबह से ही टाटानगर स्टेशन में यात्रियों के प्रवेश को लेकर पूरी तैयारी शुरु कर दी गई थी। जैसे ही दोपहर के एक बजे सभी अलर्ट हो गए। स्टेशन के बाहर व प्लेटफार्म नंबर एक व तीन में आरपीएफ, जीआरपी के जवानों की तैनाती कर दी गई। करीब डेढ़ बजे पहले यात्री टाटानगर स्टेशन पहुंचा। स्टेशन की सुरक्षा को देखकर वह घबराने लगा और स्टेशन के बाहर खड़ा होकर सोचने लगा कि अंदर जाऊं या नहीं। इसी बीच आवाज आई रुकिए, कौन हैं आप, कहां जाना है। तब यात्री ने कहा कि वह दिल्ली जाने वाली ट्रेन का यात्री है। तब उसे स्टेशन में प्रवेश करने की इजाजत दी गई। स्टेशन के मुख्यद्वार पर यात्री को सैनिटाइजर दे दिया गया। फिर उस यात्री का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित पूरी जानकारी दर्ज करने के बाद उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई और प्लेटफार्म नंबर तीन पर भेज दिया गया। जहां ट्रेन आने वाली थी।
यात्रियों से भरवाए गए फार्म
इसी तरह बारी-बारी से यात्री आते गए और फार्म भराकर आगे जाने की इजाजत दी जा रही थी। भुवनेश्वर से ट्रेन अपने निर्धारित समय 4.15 बजे की जगह 23 मिनट विलंब से टाटानगर स्टेशन पहुंची। ट्रेन के पहुंचते ही ट्रेन में सवार कोई भी यात्री ट्रेन के दरवाजे तक आने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। टाटानगर से दिल्ली जाने वाले सभी यात्री जब ट्रेन में सवार हो गए तो भुवनेश्वर से टाटा आने वाले दो यात्री टाटानगर स्टेशन में उतरे। उसके उतरते ही रेल अधिकारी, आरपीएफ व जीआरपी ने दोनों को घेर लिया और पूरी सुरक्षा के साथ उन्हें मुख्यद्वार तक लाया गया। जहां जांच के बाद टेल्को स्थित नेपाल हाउस क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया।
प्लेटफार्म में घूमकर ले रहे थे सीनियर डीसीएम जायजा
52 दिनों के बाद पहली बार यात्रियों से भरी ट्रेन टाटानगर स्टेशन बुधवार को पहुंची। पूरी व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक चक्रधरपुर से टाटानगर स्टेशन पहुंचे और पहले सुरक्षा व यात्रियों के प्रवेश व निकासी को लेकर निर्देश जारी किए।
प्लेटफार्म नंबर तीन पर खुद सीनियर डीसीएम अपने अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। जब तक ट्रेन नहीं आई वे वहां ही खड़े रहे। उसके तहत ही पूरा काम शुरु किया गया। इस मौके पर एआरएम विकास कुमार, सीआई शंकर झा, टीटीई सहित पूरा रेलवे महकमा उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि यह पहली ट्रेन टाटानगर स्टेशन पहुंची और इस ट्रेन का परिचालन 20 मई तक प्रतिदिन होगा। उन्होंने बताया कि यात्री के पास ई टिकट की कापी ही घर तक जाने का पास होगा।
भुवनेश्वर से दिल्ली तक का किराया देना पड़ा यात्रियों को
भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए खुली स्पेशल ट्रेन का किराया यात्रियों को भुवनेश्वर से दिल्ली तक के लिए देना पड़ा। चाहे वे टाटानगर में उतरे हों या कहीं और। इस ट्रेन में सफर करने वाले को भुवनेश्वर से दिल्ली तक का पूरा किराया लगा है।
61 यात्रियों की जांच में लगे डेढ़ घंटे
टाटानगर आने वाले 61 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर उनका पूरा बायोडाटा फार्म में भरने के कारण करीब डेढ़ घंटे का समय रेल अधिकारियों को लगा। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही उसे प्लेटफार्म नंबर तीन पर आनेवाली ट्रेन में बैठने की इजाजत दी जा रही थी।
इन स्टेशनों पर हुआ ठहराव
भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन सुबह दस बजे रवाना होने के बाद ट्रेन बालासोर, हिजली, टाटानगर, बोकारो, गया, दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, कानपुर के बाद सीधे नई दिल्ली स्टेशन में इसका ठहराव हुआ।
अपने घरों से कंबल व चादर लेकर सवार हुए ट्रेनों में
स्पेशल ट्रेन में कंबल के वितरण पर पाबंदी लगी हुई है। इस कारण यात्री अपने चादर व कंबल लेकर ट्रेन में सवार हुए। वैसे भी ट्रेन के एसी का तापमान बहुत अधिक ठंड करने वाला नहीं था।
कुली -कुली की आवाज नहीं गूंज पाई स्टेशन में
टाटानगर स्टेशन में 52 दिनों के बाद ट्रेन का परिचालन शुरु हुआ है। कुलियों के दिन वापस लौटने वाले थे। इसका अहसास होते ही वे ट्रेन के समय से एक घंटे पहले ही टाटानगर स्टेशन पहुंच गए थे। जैसे ही ट्रेन टाटानगर स्टेशन पहुंची। वे भागते रहे लेकिन उनके कान तक कुली कुली की आवाज नहीं पहुंची। भुवनेश्वर से सिर्फ दो ही यात्री टाटानगर स्टेशन पहुंचे थे। जिन्होंने खुद ही अपना लगेज उठा रखा था।
इस कारण कुली की जरुरत उनलोगों को नहीं पड़ी। इसके कारण उदास कुली वापस अपने घरों को लौट गए। कुली मोहन सोनकर ने बताया कि 52 दिन हो गए हैं एक रुपये की कमाई नहीं हुई है। आज भुवनेेश्वर से ट्रेन आई है लेकिन उसमें भी दो ही यात्री आए थे। कुली निर्मल ने बताया कि बहुत दिन हो गए इन कानों में कुली कुली की आवाज सुनाई नहीं दी। सोचा था भुवनेश्वर से इतने दिनों के बाद ट्रेन आ रही है। आज अच्छी कमाई हो जाएगी। लेकिन निराशा ही हाथ लगी। इसी तरह स्टेशन में पहुंचे 20 से ज्यादा कुलियों के चेहरे तब मायूस हो गए जब टाटानगर स्टेशन में दो ही यात्री उठे और उनलोगों ने भी अपना सामान खुद ही उठा रखा था।