डॉक्टर से मारपीट में हाई कोर्ट से मिली सजा, अस्पताल में मरीजों की करें सेवा
हाई कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है। एक मजदूर युवक को सजा के बदले में महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सप्ताह में दो दिन काम करने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। हाई कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है। एक मजदूर युवक को सजा के बदले में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सप्ताह में दो दिन काम करने का आदेश दिया है। शनिवार को आरोपित युवक अजीत कुमार तिवारी ने एमजीएम अस्पताल पहुंचकर अपना कार्य शुरू कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने उसे वार्ड ब्वॉय का काम सौंपा है।
सुबह 10 से शाम पांच बजे तक वह काम किया। कीताडीह स्थित ग्वाला बस्ती निवासी अजीत कुमार तिवारी 64 दिन तक जेल में रहा। 13 जून, 2018 को उसके बड़े भाई (विक्रम तिवारी) को मारपीट में चोट आई थी। इसके बाद अजीत सहित अन्य लोगों ने उसे खासमहल स्थित सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे। इस दौरान डॉक्टर ने पुलिस केस होने के कारण पहले पर्ची बनाकर लाने की बात कहीं। इसे लेकर दोनों के बीच बकझक हुई और मामला मारपीट तक जा पहुंचा था। उस वक्त इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ. विनय शंकर तैनात थे।
इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी और आरोपित अजीत को गिरफ्तार कर 14 जून को जेल भेज दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उसे रिहा किया है और अगले आदेश तक सप्ताह में दो दिन तक अस्पताल में काम करने का आदेश जारी किया है। इसकी रिपोर्ट प्रतिमाह हाई कोर्ट को देनी है। काम के एवज में अजीत तिवारी को मानदेय दिया जाएगा। फिलहाल उसकी ड्यूटी एमजीएम अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की लगी है। क्या करना पड़ रहा है मरीजों की सेवा करनी पड़ है। मरीजों को जांच व इलाज के लिए वार्ड से इधर-उधर ले जाना पड़ रहा है। उनकी चादर आदि को ठीक करना पड़ है।