पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां वही, बस स्वरूप बदला : सरयू
पत्रकार और पत्रकारिता के सामने पहले भी चुनौतिया थीं और आज भी हैं।
जासं, जमशेदपुर : पत्रकार और पत्रकारिता के सामने पहले भी चुनौतिया थीं और आज भी हैं। आज के डिजिटल युग में पत्रकारिता के समक्ष कोई नई चुनौतिया नहीं आई हैं। बल्कि चुनौतियों का स्वरूप बदला है। ये बातें मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर साकची में आयोजित सेमिनार मे कहीं।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से 'डिजिटल युग में पत्रकारिता आधारनीति एवं चुनौती' विषय पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि आज का पाठक बहुत सजग है, उसे बरगलाया नहीं जा सकता है। पाठक अपनी रूचि के अनुसार अखबार पढ़ता है, इच्छा के अनुरूप विषयों का चयन कर अखबार के विभिन्न पन्नों को खंगालता है। डिजिटल युग में 40 करोड़ लोग वेब से जुड़े हैं, लेकिन कुछ हजार ही वेब पर सभी खबरों को पढ़ते हैं। अमूमन ऐसा नहीं होता है कि डिजिटल मीडिया में प्रकाशित होनेवाली सभी खबरों और सूचनाओं को वृहद पाठक वर्ग पढ़ रहा है। बल्कि लक्षित वर्ग सटीक खबरों का स्वेच्छा से चयन कर उन्हें पढ़ता है।
मंत्री ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता हर हाल में बनी रहनी चाहिए। जब भी सत्ता द्वारा अखबारों को दबाने का प्रयास होता है, तो पाठक वर्ग इसे आसानी से समझ जाता है। इसी तरह से जब कोई मीडिया हाउस लोभ-वश आगे बढ़ेगा तो पत्रकार का भला नहीं होगा। पत्रकार को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी भी शासन और प्रशासन की है। समय की माग के अनुरूप प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की भूमिका में बदलाव अपेक्षित है।
करीम सिटी कॉलेज के मास कम्यूनिकेशन की एचओडी नेहा तिवारी ने कहा कि आम व्यक्ति की बात करने वाला पत्रकार अपने हित की बात कई बार नहीं कर पाता है। यह उसकी कमजोरी नहीं बल्कि उसका हौसला है। आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर पत्रकारों के लिए सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र मूलत: किसी प्रकार के मौद्रिक लाभ की अपेक्षा मान सम्मान से जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम में जिले के उप विकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, निदेशक एनईपी, जिला प्रशासन के पदाधिकारी, पत्रकार व मीडिया के विद्यार्थी मौजूद थे।