ग्रेच्युटी पर जारी पूर्व अधिसूचना ही देशभर में रहेगी प्रभावी
केंद्र सरकार द्वारा 29 मार्च 2018 को ग्रेच्युटी पर जारी अधिसूचना ही देश भर में हर क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए प्रभावी रहेगी।
जमशेदपुर [निर्मल प्रसाद]। केंद्र सरकार द्वारा 29 मार्च 2018 को ग्रेच्युटी पर जारी अधिसूचना ही देश भर में हर क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए प्रभावी रहेगी। टाटा स्टील सहित निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग से अधिसूचना जारी करने की जरूरत नहीं है।
ग्रेच्युटी के मामले में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो पिछले दिनों नई दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिले। इस मुलाकात में वित्तमंत्री ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कोई भी आदेश या अधिसूचना पूरे देश में प्रभावी होता है। कर्मचारियों की श्रेणी के आधार पर कोई अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं करती है। केंद्र सरकार, श्रम विभाग द्वारा जारी न्यूनतम मजदूरी भी पूरे देश में एक साथ सभी राज्यों में प्रभावी होता है। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा जारी पुरानी अधिसूचना ही केंद्रीय कर्मियों के साथ-साथ राज्यकर्मियों और सभी निजी क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए प्रभावी रहेगा। वहीं, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने भी वित्तमंत्री के जवाब पर अपनी मुहर लगाई। मालूम हो कि टाटा स्टील में 17 हजार से ज्यादा स्थायी कर्मचारी हैं जिन्हें इसका सीधे लाभ मिलेगा।
अलग से जारी होती थी अधिसूचना
बातचीत में सांसद ने वित्तमंत्री को बताया पूर्व की सरकार में ग्रेच्युटी एक्ट में कभी भी संशोधन हुए तो पहले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अधिसूचना जारी होती थी। इस अवधि के तीन माह बाद निजी, स्टील सहित सभी मैन्युफैक्चङ्क्षरग सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाती थी।
झारखंड सरकार को भेजा जा सकता है पत्र
वित्तमंत्री के साथ बातचीत में सांसद ने बताया कि तीन माह बाद अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण टाटा स्टील सहित कई मैन्युफैक्चङ्क्षरग सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी में प्रभावी नई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। इस पर अरुण जेटली ने कहा कि जरूरत पडऩे पर झारखंड सरकार और श्रम विभाग को पत्र भेजा जा सकता है लेकिन दोबारा कोई अधिसूचना इस पर जारी नहीं होगी।
क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन करते हुए 29 मार्च को एक अधिसूचना जारी की थी। अभी तक 10 लाख रुपये से अधिक की ग्रेच्युटी राशि पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था। लेकिन केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी में टैक्स कटौती की राशि को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया था। इसके बाद की राशि पर 30 प्रतिशत टैक्स अनिवार्य होगा। लेकिन निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है।