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Prakashotsav in Jamshedpur : गुरु गुरुगोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव 20 को, जाने जमशेदपुर में क्या होंगे आयोजन

सिखों के 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह का 20 जनवरी को प्रकाशोत्सव है। लेकिन कोविड 19 के कारण इस बार जमशेदपुर में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को नगर कीर्तन निकालने की इजाजत स्थानीय जिला प्रशासन से नहीं मिली है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:52 AM (IST)
Prakashotsav in Jamshedpur : गुरु गुरुगोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव 20 को, जाने जमशेदपुर में क्या होंगे आयोजन
सिखों के 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर जमशेदपुर में नगर कीर्तन नहीं निकलेगा।

जमशेदपुर, जासं।  सिखों के 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह का 20 जनवरी को प्रकाशोत्सव है। लेकिन कोविड 19 के कारण इस बार सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को नगर कीर्तन निकालने की इजाजत स्थानीय जिला प्रशासन से नहीं मिली है। ऐसे में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से शहर में स्थापित सभी 34 गुरुद्वारों को अपने स्तर पर कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए अपने स्तर पर आयोजन करने का निर्देश दिया है।

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प्रकाशोत्सव के मौके पर सोमवार सुबह से साकची गुरुद्वारा में अखंड पाठ का शुभारंभ हुआ। जो 20 जनवरी की सुबह 10 बजे तक जारी रहेगी। इसके बाद नगर कीर्तन का आयोजन होगा। दोपहर में साकची गुरुद्वारा में गुरु का अटूट लंगर लगेगा। वहीं, मंगलवार सुबह चार बजे साकची गुरुद्वारा से प्रभात फेरी निकलेगी जो साकची व आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण कर वापस गुरुद्वारा पहुंचेगी। आयोजन को भव्य रूप देने के लिए सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है। सभी गुरुद्वारों को आकर्षक लाइटों से सजाया जा रहा है। 

साकची गुरुद्वारा ने बनाया नया पालकी साहब

साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरु साहब के लिए नया पालकी साहब का निर्माण किया है। अब तक साकची गुरुद्वारा से किसी भी सिख धर्मालंबी के घर अखंड पाठ होने पर टेम्पो में या दूसरे के वाहन से गुरु ग्रंथ साहब को ले जाना पड़ता था। इसे देखते हुए साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नया पालकी साहब का निर्माण किया है। मंगलवार को इस नए पालकी साहब को साकची गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, संगत सहित सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौपेगी। भविष्य में किसी भी तरह के आयोजन में जब गुरु ग्रंथ साहब को गुरुद्वारा से बाहर दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा तो नया पालकी साहब ही उनकी सवारी होगी। मालूम हो कि गुरु ग्रंथ साहब में सिखों के सभी गुरुओं की वाणी है जिन्हें सिख धर्मालंबी पूजते हैं।


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