पंचायत जीरो ड्रापआउट घोषित, पर बच्चे हो रहे ड्रापआउट
कैंपस पंचायत जीरो ड्रापआउट घोषित
पंचायत जीरो ड्रापआउट घोषित, पर बच्चे हो रहे ड्रापआउट
शंकर गुप्ता, पोटका : एक तरफ झारखंड सरकार बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। दूसरी ओर ड्रापआउट बच्चों को भी स्कूल से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जो विद्यालय से ड्रापआउट होते जा रहे हैं। इन छात्रों को ड्रापआउट होने के बाद जोड़ने को लेकर शिक्षा विभाग किसी तरह से सक्रिय नहीं है। मजेदार बात यह है कि पोटका प्रखंड के तेतला पंचायत को कागज कलम में ही शिक्षा विभाग ने जीरो ड्रापआउट पंचायत घोषित किया है।
तेतला पंचायत के गीतिलता में एक ही परिवार के तीन बच्चे ड्रापआउट हो चुके हैं। गीतिलता विद्यालय के शिक्षक श्यामल कुमार मंडल अपने खर्चे से और अथक प्रयास से जोबा सिंह को कक्षा नौ में व पूजा सिंह को कक्षा सात में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन वर्ष 2021 में कराया था। बच्चों के माता-पिता की मौत से 12 साल पहले हो चुकी है। बच्चों का एक भाई राम सिंह जो गीतीलता हाई स्कूल में पढ़ता है। लेकिन कक्षा नौ का परीक्षा नहीं दे पा रहा है। रामसिंह भी ड्रापआउट के कगार पर है। एक ही परिवार के तीन बच्चे ड्रापआउट हो चुके हैं। लेकिन शिक्षा विभाग जीरो ड्रापआउट पंचायत को लेकर पीठ थपथपा रही है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बात करें, तो अब तक चार छात्राएं ड्रापआउट हो चुकी हैं।
बच्चियां स्कूल नहीं आना चाहती : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन ज्योति कुमारी सागर का कहना है कि बच्चों को ड्रापआउट होने से बचाने के लिए कई बार स्कूल की ओर से उनके घर जाकर अथक प्रयास किया गया, ताकि दोनों बच्चियां स्कूल आ सके। मगर दोनों बच्चियां विद्यालय आना नहीं चाहती हैं।
मैं कई बार दोनों छात्राओं के घर जा चुका हूं। ये छात्राएं विद्यालय जाना ही नहीं चाहती हैं। इस संबंध में विभाग को भी सूचना दी गई है।
- श्यामल कुमार मंडल, शिक्षक, गीतिलता मध्य विद्यालय, पोटका।
बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन कराया गया था। प्रयास कर रही हूं कि जल्द ही बच्चे विद्यालय से जुड़े। स्वयं बच्चों से मिलने जाऊंगी।
- तरणजीत कौर, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, पोटका।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से छात्राओं का ड्रापआउट होना चिंताजनक है। प्रयास किया जाएगा कि सभी छात्राएं कस्तूरबा से फिर से जुड़ जाए। इसके लिए विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
- एसडी तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।