Covid 19 : टीएमएच में जल्द शुरू होगी पोस्ट कोविड क्लिनिक Jamshedpur News
कोरोना संक्रमण से निगेटिव होने के बाद देखा जा रहा है कि मरीजों को जोड़ों में दर्द थकान हार्ट अटैक शरीर में लाल चत्ते आना उनमें खुजलाहट की समस्या होती है। ऐसे मरीजों के लिए टीएमएच में जल्द ही पोस्ट कोविड क्लिनिक की शुरुआत की जा रही है।
जमशेदपुर, जासं। कोरोना संक्रमण से निगेटिव होने के बाद देखा जा रहा है कि मरीजों को जोड़ों में दर्द, थकान, हार्ट अटैक, शरीर में लाल चत्ते आना, उनमें खुजलाहट की समस्या होती है। ऐसे मरीजों के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में जल्द ही पोस्ट कोविड क्लिनिक की शुरुआत की जा रही है।
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने शनिवार शाम टेली कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। बकौल डॉ चौधरी, जिन मरीजों को कोविड से निगेटिव होने के बाद ऐसी समस्याएं आ रही हैं पोस्ट कोविड क्लिनिक में उन्हें डाक्टर से मिलने के लिए पहले से समय लेना होगा। साथ ही उन्हें डाक्टरी परामर्श के लिए शुल्क भी देना होगा क्योंकि वे कोविड 19 से निगेटिव हो चुके हैं।
जमशेदपुर में कम हो रहा है कोविड संक्रमण का असर
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि जमशेदपुर में कोरोना का संक्रमण में पिछले चार सप्ताह से लगातार सुधार देखा जा रहा है। दो सप्ताह पहले टीएमएच में 243 मरीज भर्ती हुए उसकी तुलना में पिछले सप्ताह 201 नए मरीज आए। वहीं, टीएमएच की रिकवरी रेट भी 82.38 फीसद से बढ़कर 83.16 फीसदी हो गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही टीएमएच की पॉजिटिविटी रेट में भी गिरावट आई है। एक माह पहले आरटी-पीसीआर की पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी से घटकर 9.69 प्रतिशत हो गया है। वहीं, रैपिट एंटीजन टेस्ट का पॉजिटिविटी रेट भी 5.19 से घटकर 3.80 प्रतिशत हो गया है। वहीं, पिछले सप्ताह 25 के बजाए इस सप्ताह 21 मरीजों की मौत हुई है क्योंकि हार्ट अटैक, एडवांस कैंसर सहित फेफडे के संक्रमण को लेकर कई गंभीर मरीज भर्ती हुए। इनमें से 40 प्रतिशत मरीजों की 24 से 48 घंटे के भीतर ही मौत हो गई।
निगेटिव होने के बाद भी मरीज की हो सकती है मौत
डॉ चौधरी ने बताया कि कोरेाना से निगेटिव होने के बाद किसी मरीज की मौत हो सकती है। पूरी दुनिया में ऐसे छह से सात मामले सामने आए हैं जब निगेटिव होने के बाद मरीज की मौत हुई है। इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला, री-इंफेक्शन, जिसमें कोरोना से निगेटिव होने के बाद दूसरे वायरस ने मरीज को संक्रमित किया हो और दूसरा, री-एक्टिवेशन, यानी निगेटिव होने के बाद संक्रमण का कुछ अंश मरीज में बचा रह गया हो। जब संबधित मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो तो संक्रमण दोबारा अटैक करता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है। वैश्विक स्तर पर इस पर रिसर्च चल रहा है। हालांकि, टीएमएच में जेनेटिक रिसर्च की सुविधा नहीं है।
संक्रमण से फेफड़े पर ज्यादा असर, सांस लेने में होती है परेशानी
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि कोरोना का संक्रमण यदि मरीज के फेफडों पर ज्यादा प्रभावित करता है तो मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। क्योंकि निगेटिव होने के बावजूद मरीज के फेफडे ठीक तरह से काम नहीं करते हैं। टीएमएच में लगभग 25 मरीज ऐसे हैं जो निगेटिव हो चुके हैं। इसके बावजूद वे सांस लेने में परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों को वेंटीलेटर, ऑक्सीजन मास्क व मास्क विद रिजर वायर की सुविधा दी जा रही है जिसमें मरीज री-ब्रीदिंग बैग लगाया जाता है।
ठीक होने वाले मरीज करें संतुलित भोजन
डॉ चौधरी ने बताया कि वैसे मरीज जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं वे स्वस्थ्य जीवन के लिए संतुलित भोजन करें। खूब पानी पीए, ताजा खाना खाएं और अपनी क्षमता के अनुरूप खूब व्यायाम करें। उन्होंने बताया कि देश में दूसरे स्तर पर कोरोना संक्रमण फैले, इससे पहले हम सभी को अभी से खुद को, अस्पताल को और सोसाइटी को इसके लिए तैयारी करनी चाहिए।
टीएमएच के आंकडो पर एक नजर
- 3551 मरीज अब तक टीएमएच में हुए भर्ती
- 217 मरीजों की पिछले सप्ताह अस्पताल से हुई छुट्टी
- 52,778 कोविड टेस्ट अब तक हो चुके हैं यहां
- 30,871 आरटी-पीसीआर टेस्ट हो चुके हैं
- 21,907 रैपिड एंटीजन व ट्रूनेट टेस्ट हुए
- 83.16 प्रतिशत हुआ टीएमएच का रिकवरी रेट
- 73 मरीजों का अब तक हो चुका है प्लाज्मा थैरेपी से इलाज
- 59 मरीज 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले हो चुके हैं निगेटिव
- 212 मरीज वर्तमान में है इलाजरत