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World Asthma Day 2020 : लॉकडाउन में प्रदूषण घटा, कम हो गए 75 फीसद अस्थमा के मरीज

World Asthma Day 2020. लॉकडाउन में प्रदूषण घटने की वजह से अस्‍थमा के मरीज 75 फीसद कम हो गए हैंं। दवाओं की ब्रिकी भी 55 फीसद घटी है और पुराने मरीज भी राहत में हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 11:24 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 03:02 PM (IST)
World Asthma Day 2020 : लॉकडाउन में प्रदूषण घटा, कम हो गए 75 फीसद अस्थमा के मरीज
World Asthma Day 2020 : लॉकडाउन में प्रदूषण घटा, कम हो गए 75 फीसद अस्थमा के मरीज

जमशेदपुर, अमित तिवारी। World Asthma Day 2020 जमशेदपुर के सोनारी निवासी 53 वर्षीय बलजीत सिंह अस्थमा (दमा) के मरीज हैं। जब-जब मौसम में बदलाव होता है, उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है और अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। अब एक माह से वह राहत की सांस ले रहे हैं। फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ हैं, जबकि शहर का मौसम रोज बदल रहा है। 

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यह एक उदाहरण है कि लॉकडाउन में कम हुए प्रदूषण ने किस तरह मरीजों पर सकारात्मक असर डाला है। जमशेदपुर के विभिन्न अस्पतालों के आंकड़े बता रहे हैैं कि पहले हर माह अस्पतालों में 480 से 500 रोगी अस्थमा के पहुंचते थे, जबकि अप्रैल माह में इस बीमारी के 125 मरीज ही पहुंचे। इस तरह 75 फीसद मरीजों की संख्या घटी है।  झारखंड में धूल और प्रदूषण के कारण अस्पताल अस्थमा के रोगियों से भरे रहते थे। कोयला और खनिजों के खनन और परिवहन वाले इलाकों में तो हालत बहुत खराब रहती थी। कोल्हान प्रमंडल में दो हजार से अधिक कारखाने हैं। यहां प्रदूषण के कारण लोग सांस की बीमारी से परेशान रहते हैं। चिकित्सकों के पास इलाज के लिए आने वाले मरीजों में करीब 40 फीसद सांस की समस्या से पीडि़त होते हैैं। अब वातावरण साफ है तो अस्पताल में अस्थमा के मरीज भी आने कम हो गए। 

हर माह 90 लाख से एक करोड़ का था दावा का कारोबार

जमशेदपुर ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अनुसार इन दिनों अस्थमा रोग में इस्तेमाल होने वाली दवा थियोफिलिन, सलबटामोल, इनहेलर सहित अन्य दवाओं की मांग काफी घट गई है। लॉकडाउन से पहले हर माह करीब 90 लाख से एक करोड़ रुपये का कारोबार होता था, जो अप्रैल माह में घटकर करीब 40 लाख रुपये पहुंच गया है। खपत और कारोबार दोनों में 55 फीसद की कमी आई है। 

रोजाना 15 से 20 नए रोगियों की होती थी पहचान

जमशेदपुर के ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो लॉकडाउन से पूर्व यहां हर माह करीब 80 से 90 नए अस्थमा मरीजों की पहचान होती थी, लेकिन अप्रैल माह में सिर्फ 18 ही पहुंचे है। पहले एक दिन में ही 15 से 20 मरीज पहुंचते थे। इसी तरह जमशेदपुर में स्थित टीएमएच (टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल), एमजीएम (महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज), सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों में भी अस्थमा के काफी कम मरीज पहुंचे हैं। 

कोल्हान में 50 फीसद कम हआ प्रदूषण

लॉकडाउन के बाद कोल्हान में प्रदूषण के स्तर में 50 फीसद गिरावट आई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) जो फरवरी 2020 में 122 था वह लॉकडाउन अवधि में घटकर 77 तक आ गया है। वहीं सामान्य दिनों में सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) का औसत स्तर 48.25 रहता है जो घटकर 11.75 हो चुका है। इसी तरह नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) सामान्य दिनों में 62.17 रहता है, अब घटकर 13.69 हो चुका है। 

ये कहते डॉक्‍टर

अस्थमा रोगियों की संख्या कम हुई है। पुराने मरीज भी राहत महसूस कर रहे हैैं। यह अच्छा संकेत है।

- डॉ. जगदीश लोहिया, छाती रोग विशेषज्ञ, ब्रह्मानंद अस्पताल।

अस्थमा की दवाओं की बिक्री घट गई है। अप्रैल माह में सिर्फ 55 फीसद अस्थमा की दवा की बिक्री कम हुई है। 

- कमल अग्रवाल, अध्यक्ष, जमशेदपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन।


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