बस कागज पर चलती है जहर पीने वाली ईएसपी मशीन
चौका इलाके में मुनाफाखोर कारखाने प्रदूषण फैलाकर किस तरह जानलेवा साबित हो रहे हैं इसकी बानगी देख सकते हैं। शासन को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
विश्वजीत भट्ट, जमशेदपुर : ऐसा नहीं कि चौका क्षेत्र में जहर उगलते कारखानों से जाया हो रही जिंदगियों को बचाया नहीं जा सकता। जब सोच ही यह हो कि किसी की जान जाए तो जाए, अपनी बला से। तो कोई क्या कर सकता है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग और ग्रामीणों के दबाव में कंपनियों ने प्रदूषण कम करने के कुछ उपाय किए हैं, लेकिन मुनाफाखोरी ऐसी कि कंपनियों से निकलता जहरीला धुआं कम करने के लिए लगाई गई ईएसपी मशीन चलाई ही नहीं जाती। दिखाने के लिए कंपनियों में इसे लगा भर दिया गया है। इसे बंद रखकर कंपनियों के मालिकान हर महीने लाखों रुपये की मुनाफाखोरी कर रहे हैं। 'दाम' के दम पर 'सेटिंग' ऐसी कि संबंधित विभाग जांच-पड़ताल के लिए दफ्तरों से निकला ही नहीं कि सूचना इन मुनाफाखोरों तक पहुंच जाती है। यही वजह है कि इनका यह 'खेल' वर्षो से बदस्तूर जारी है।
----
कारखानों में ऐसे लगी मशीन
प्रदूषण से तंग आकर प्रभावित गांवों के ग्रामीण, महिलाएं, स्कूलों के बच्चे सड़कों पर उतरे। विस्थापित मुक्ति वाहिनी, प्रदूषण मुक्ति अभियान व झारखंड मुक्ति वाहिनी, छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी व जनमुक्ति वाहिनी समेत तमाम संगठनों ने इनका समर्थन किया। गांवों में बैठकें की। पूरे इलाके में चार दिन पदयात्रा की। इसके बाद लुपुंगडीह से कांड्रा होते हुए चौका तक बाइक जुलूस निकाला। 5 जून 2008 संपूर्ण क्रांति दिवस व विश्व पर्यावरण दिवस से लेकर नौ जून बिरसा मुंडा शहीद दिवस तक सत्याग्रह किया। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इलाके का दौरा किया। इसके बाद कुछ कंपनियों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ईएसपी (इलेक्ट्रो स्टैटिक प्रेसिपटेटर) मशीन लगाई गई।
----
दो करोड़ से अधिक है कीमत
डस्ट कंट्रोल के लिए जो इलेक्ट्रो स्टैटिक प्रेसिपिटेटर ईएसपी प्लाट लगता है, उसकी लागत दो करोड़ रुपये से अधिक है। इसे चलाने में हर माह आठ से 10 लाख रुपये की बिजली भी खर्च होती है। चौका क्षेत्र के तमाम कारखाने 24 घंटे चलते हैं। कुछ देर के लिए ईएसपी मशीन चलती है, पर रात में पूरी तरह बंद कर दी जाती है। इस तरह से कारखाने बिजली बिल के रूप में हर माह बड़ी बचत करते हैं।
----
सीमावर्ती बंगाल ने पेश की नजीर
चांडिल अनुमंडल के नीमडीह से सटे पश्चिम बंगाल के बलरामपुर में स्थापित कारखानों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने बेहतरीन उपाय करके नजीर पेश किया है। यहां ईएसपी मशीन व कंपनियों का बिजली कनेक्शन एकसाथ कर दिया गया है। जब भी कंपनी चालू की जाएगी, ईएसपी मशीन व कंपनी एकसाथ चालू होगी।