दशरथ मामले में पुलिस ने लिया संज्ञान, जांच शुरू
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य दशरथ सिंह की सुसाइड नोट पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडं़गी ने सवाल किया है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इधर प्रदेश प्रवक्ता के ट्वीट पर डीआइजी कोल्हान व जमशेदपुर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है..
संवाद सूत्र, मुसाबनी : भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य दशरथ सिंह की सुसाइड नोट पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडं़गी ने सवाल किया है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इधर, प्रदेश प्रवक्ता के ट्वीट पर डीआइजी कोल्हान व जमशेदपुर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है। डीआइजी राजीव रंजन सिंह व जमशेदपुर पुलिस ने इस मामले में पुलिस मुख्यालय को सूचित किया है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को मुसाबनी थाना में डीएसपी पीतांबर सिंह खैरवार ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर भाजपा नेता दशरथ सिंह के खुदकुशी मामले के हर पहलू पर जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस केस के अनुसंधानकर्ता को सुसाइड नोट के आधार पर बिदुवार जांच करने का निर्देश दिया है। बैठक में आरोपितों की गिरफ्तारी पर भी चर्चा की गई। मौके पर प्रभारी थाना प्रभारी राम विनय सिंह, एएसआइ राजेश कुमार, प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर रंजन कुमार पासवान मौजूद थे। खुदकुशी से पूर्व दशरथ सिंह ने सुसाइड नोट में बिजनेस पार्टनर हमीद पर 80 लाख रुपये के डीजल घोटाला का आरोप लगाया है। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था..
2018 में मैने बैंक से लोन लेकर एचसीएल आइसीसी में काम शुरू किया तो देखरेख व टेंडर डालने के लिए हमीद को रख लिया। हालांकि उसने उनके साथ बेईमानी की। हमीद ने ट्रांसपोर्टिंग के कारोबार में डीजल में घोटाला किया। पेट्रोल पंप से डीजल जाता था। परंतु बीच-बीच में नकद लगभग 15 लाख का डीजल गया। दोनों पंप से लगभग 80 लाख रुपये का डीजल गया। इसमें हमीद ने बहुत बड़ा घोटाला किया है। दोनों भाइयों ने मुझे प्री प्लानिग से अंधेरे में रखकर मुझे लूटा है।
ट्रांसपोर्टिंग के काम के लिए उन्होंने बैंक से 50 लाख रुपये का ऋण लिया था। मिस्त्री के पास एक साल से मरम्मत के लिए लोडर मशीन पड़ा था। मरम्मत के नाम पर हमीद ने उनसे पैसे लिए, लेकिन मिस्त्री को नहीं दिया। लोडर मशीन आज भी मानगो के राय मिस्त्री के पास पड़ा है। इसके अलावा हमीद ने डीजल में भी घपला किया। मार्च 2020 में डीजल का आधा बिल ही दिया। इस मामले में हमीद का भाई अली भी उन्हें ब्लैकमेल किया। जिस व्यक्ति पर मैने विश्वास किया उसी ने मुझे धोखा दिया। सभी कागजात हमीद और चुन्नू अली के पास हैं। अली भी कागजात नहीं दे रहा है। यदि समय पर कागजात मिल जाते तो जीएसटी व स्टाफ का मार्च माह का भुगतान हो जाता। मेरे सभी गाड़ी व मशीन को इन लोगों ने कबाड़ बना दिया। सिंहभूम में चलाए जा रहे लोडर और हाइवा का भी हमीद ने हिसाब नहीं दिया। 2018-19 में हमीद ने जीपीसीएल में हाइवा व लोडर चलवाया था। हम परेशान होकर आज इस स्थिति में पहुंचे हैं। अब हमें आगे-पीछे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। यदि हमसे किसी व्यक्ति के साथ गलती हुई हो तो हमें क्षमा कर दीजिएगा। क्योंकि अब हम नहीं मिल सकते। सुजीत सिंह के पास साझी का पोकलेन, कंक्रीट मिक्सर मशीन, वाइब्रेटर, रोलर, डंपर है। मेरे इस आत्महत्या का जिम्मेदार सुजीत सिंह, हमीद, चुन्नू और एचसीएल आइसीसी में घाटा लगना है। एचसीएल आइसीसी से निवेदन है कि मेरे बकाए पेमेंट से जीएसटी जमा कर मेरे बैंक में जमा करा दें, ताकि बैंक का लोन समाप्त हो जाए। मेरा एचसीएल में लगभग 25 लाख का बिल जमा है। एचसीएल, आइसीसी में छह माह का डीजल, लोडर, जेसीबी, डंपर का बकाया है। हमने टेंडर लीटर में डाला था लेकिन एचसीएल द्वारा रुपये में बदल दिया गया। हमारे ऊपर दबाव बनाकर काम करवाया गया। डीके श्रीवास्तव को हम बार बार बोले हमे टरकाते रहे।
मेरे भतीजा रोहन तुम पढ़ लिख कर ऐसा आदमी बनना कि तुम्हें किसी की जरूरत नहीं पड़े और किसी पर अंधा विश्वास नहीं करना। मेरे छोटे भाई यशवंत तुम मेरे बाद पूरे परिवार को संभाल लेना। धर्मवीर बेटा अब तुम मां दादी बहन को अच्छा से देख रेख करना। अब तक जो तुमने किया वह सब भूल कर फिर से अपना कैरियर के बारे में सोचना और तरक्की करना। रोहन को भी देखना ।आगे अगर हमसे जो कुछ भी भूल हुआ हो सब हमें माफ करना।
मेरे साथ सर्वप्रथम काम कर रहे सुजीत सिंह आदित्यपुर निवासी ने मेरे ही पूंजी से काम शुरू किए 2012 में दो साल में हम लोग ने करोड़ों रुपया कमाए, हिसाब रुपया का सुजीत सिंह ही रखता था ।मेरे नाम पर उस समय लगभग चार करोड़ का काम मिला और कार्य पूर्ण हो गया। उसी काम का पैसा उसके नाम पर मिला। काम लगभग 10 करोड़ का था, उसमें लगा दिया और हमें धीरे-धीरे हटा दिया। हमने उसे कहा कि हिसाब कर लो मेरे पास सब को उधारी देकर पांच लाख बचा है। लेकिन उसने नहीं सुना ।हमने लगभग एक करोड़ रूपया सुजीत के पास ही छोड़ दिया। हिसाब के बात पर टरकाते रहता था। छह साल बीत गया हमारा ही पैसा से गम्हरिया में जमीन खरीदा गया था। मेरा चेक हस्ताक्षर युक्त ब्लैंक चेक सुजीत के पास ही रहता था। क्योंकि हम साइड पर रहते थे। वह ऑफिस और सामान भेजता था। मेरे साथ उसने बेईमानी किया।