झारखंड में 77 नक्सली सक्रिय, निपटने की तैयारी में सरकार
गृह विभाग ने सक्रिय नक्सलियों की सूची तैयार की है। पहले चरण में ऐसे 31 गांवों में अभियान चलाने की रणनीति बनी है जहां दो या दो से अधिक विभिन्न उग्रवदी दस्तों के नक्सली मौजूद हैं।
जमशेदपुर[मुजतबा हैदर रिजवी]। झारखंड में नक्सलियों के सफाए के अभियान के बाद भी अभी 77 नक्सली सक्रिय हैं। ये नक्सली प्रदेश के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में हैं। सरकार ने इन 12 जिलों में नक्सलियों के पूरी तरह से सफाए की रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए संबंधित जिलों की पुलिस को तैयार रहने को कहा गया है। गृह विभाग ने इन सक्रिय नक्सलियों की सूची तैयार की है।
पहले चरण में ऐसे 31 गांवों में अभियान चलाने की रणनीति बनी है जहां दो या दो से अधिक विभिन्न उग्रवदी दस्तों के नक्सली मौजूद हैं। नक्सलियों को एक-एक कर निशाना बनाने की योजना बनी है। नक्सलियों के घेरने की कवायद शुरू भी हो चुकी है। खूंटी के अड़की में पुलिस ने पांच इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया और मंगलवार को पुलिस ने लातेहार के महुआटांड निवासी नक्सली जोनल कमांडर दशरथ गंझू को गिरफ्तार कर लिया। लोहरदगा की नक्सली कविता उरांव ने सरेंडर कर दिया है। प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ अभियान 2017 में शुरू किया गया था।
पूर्वी सिंहभूम में सफाया
पूर्वी सिंहभूम में आतंक का पर्याय बने गुड़ाबांदा के जियान निवासी कान्हू मुंडा को सरेंडर कराने के बाद पुलिस ने पूर्वी सिंहभूम में नक्सलियों का सफाया कर दिया। सात फरवरी 2017 को पुलिस ने गुड़ाबांदा दस्ते की महिला नक्सली गुरुवारी मुंडा को गिरफ्तार किया। प्रदेश में भी कई प्रमुख नक्सली गिरफ्तार या मुठभेड़ में मार गिराए गए। सरकार की सख्ती से घबरा कर कई नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया।
पूर्वी सिंहभूम नक्सल मुक्त घोषित
पुलिस के नए सर्वे के अनुसार पूर्वी सिंहभूम को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। जबकि, पश्चिमी सिंहभूम, चतरा, लोहरदगा, गिरीडीह, हजारीबाग, धनबाद, रांची, पलामू, सरायकेला, खूंटी, बोकारो और लातेहार जिले में अभी भी नक्सली गतिविधियां चल रही हैं।
जिला, थाना, गांव, संगठन -नक्सली का नाम
-रांची- बुंडू-बारेहातु-एलडब्ल्यूई-सुरेश सिंह मुंडा, चंदन, पारुल उर्फ सालोमी व गुलशन सिंह मुंडा
-पश्चिमी सिंहभूम -बंदगांव-पुटिदा-पीएलएफआइ-सामुएल बुढ़, बोगन गुड़िया, होते बरजो व सिलास कोनगाड़ी। -बंदगांव-सियांकेल-पीएलएफआइ-पीटर लोम्गा व नरसिंह बोदरा
-बंदगांव-जारकण्डी-पीएलएफआइ-मनसिद्ध डोडराय व जोसेफ डोडराय
-बंदगांव-गांडीकदा-पीएलएफआइ-मानसिद्ध चांपिया, लोदा बोदरा व रेमिश भेंगरा।
-सोनुवा-पाताहातु-एलडब्ल्यूई-संतोष मुंडा, सरयू मुंडा व सोनाराम मुंडा।
-सोनुवा-कुदाबुरू-सालुका कायम उर्फ भुवनेश्वर, सूर्या उर्फ सूर्यम कायम उर्फ सूर्यम चाकी व रोमेन।
-गोइलकेरा-कुइड़ा-एलडब्ल्यूई-गुलशन मुंडा उर्फ सुंदरलाल, शांति पूर्ति व सुमित्रा पूर्ति।
-सरायकेला- ईचागढ़-दारूदा-एलडब्ल्यूई-महाराज प्रमाणिक उर्फ राज
-खूंटी तोरपा-कोचा करंजटोली-पीएलएफआइ- जीवन गुड़िया, जोनसॉन गुड़िया, दिनेश गुड़िया व सुखू मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा।
-कर्रा-लापा मोरहाटोली-पीएलएफआइ-दिनेश गोप व गुज्जू गोप
-मुरहू-बांगमा-पीएलएफआई-यादव मूर्ति, बिरसा मुंडू व मादवे पूर्ति
- लोहरदगा बगडू-पुतरार- एलडब्ल्यूई-गोविंद बिरजिया, शिवन खेरवार, संतोष खेरवार व जतरू खेरवार उर्फ टाना खेरवार बगडू-इचवाटांड-एलडब्ल्यूई-आकाश नगेशिया, विष्णुदयाल नगेशिया व मरकुस नगेशिया। बगडू- होन्हे-एलडब्ल्यूई-अजय उरांव, भगत खेरवार, कविता उरांव (आत्मसमर्पित) बगडृ-रोरद-एलडब्ल्यूई-जगन लोहरा व विजय खेरवार
-लातेहार चंदवा-हेसला बांझी टोला-एलडब्ल्यूई-रविंद्र गंझू, राजेश गंझू व गोबिंद लोहरा।
-चंदवा-मुडमा-मुनेश्वर गंझू व अघनू गंझू
-गिरीडीह पीरटांड-पाण्डेयडीह-एलडब्ल्यूई-टुपलाल महतो, उदय महतो व निर्मल महतो उर्फ गोविंद महतो। पीरटांड-नवाडीह-एलडब्ल्यूई-अंजन उर्फ टाइगर उर्फ बासुदेव व बलबीर महतो पीरटांड (खुखरा)-मेरामगोड़ा-एलडब्ल्यूई- ताला दा उर्फ ताला मांझी, कारू मांझी, मिथिलेश महतो उर्फ मिथलेश मांझी व रोशन मांझी। पीरटांड-मदनाडीह-एलडब्ल्यूई-मिसीर बसरा उर्फ सागर उर्फ भास्कर उर्फ सुर्निमल
-बोकारो जागेश्वर बिहार- टुटीझरना-एलडब्ल्यूई-छोटू मांझी उर्फ सहदेव मांझी व बिहार मांझी। पैक नारायणपुर-गोरगोरवा-एलडब्ल्यूई-शिवलाल मांझी व अनिल मांझी
-धनबाद टुण्डी-डल्लूबूढा-एलडब्ल्यूई-प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचू उर्फ करण दा उर्फ लेटरा, राजेश संथाल उर्फ हरीश (गिरफ्तार) और अंकिता (गिरफ्तार)
-हजारीबाग विष्णुगढ़-डोम्बोबेड़ा-एलडब्ल्यूई-शंकर माझी व संजय माझी
-चतरा राजपुर-सिकिद-एलडब्ल्यूई- आलोक यादव व सहदेव यादव राजपुर-खपलवानी-एलडब्ल्यूई-विक्की सिंह व छोटू सिंह
-पलामू छतरपुर-तिलैया-एलडब्ल्यूई-अभिजीत यादव उर्फ बनवारी उर्फ महावीर छतरपुर-बगईया-एलडब्ल्यूई- प्रसाद उर्फ सुजीत यादव पांकी- अबून-एलडब्ल्यूई-नीरज सिंह खरवार व मुरारी सिंह खरवार