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सरायकेला-खरसावां जिले में कई साल से एक ही थाने में जमे है पुलिस कर्मी व पदाधिकारी

Tranfer postiing. सरायकेला - खरसावां जिले में राजनीतिक आकाओं और बड़े पुलिस अफसरों की पैरवी पर ट्रांसफर के बावजूद कई साल से एक ही थानों में जमे हैं पुलिस के जवान व पदाधिकारी। इसमें जिले के 200 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 08:16 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:37 PM (IST)
सरायकेला-खरसावां जिले में  कई साल से एक ही थाने में जमे है पुलिस कर्मी व पदाधिकारी
ट्रांसफर के बावजूद कई साल से एक ही थानों में जमे हैं पुलिस के जवान व पदाधिकारी।

सरायकेला, प्रमोद सिंह।  सरायकेला - खरसावां जिले में राजनीतिक आकाओं और बड़े पुलिस अफसरों की पैरवी पर ट्रांसफर के बावजूद कई साल से एक ही थानों में जमे हैं पुलिस के जवान व पदाधिकारी। इसमें जिले के 200 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इन पुलिसकर्मियों का दूसरे थानों  में तबादला हो चुका है, लेकिन ऊंची पैरवी की वजह से कई साल से इनकी रवानगी नहीं हो पा रही है।

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ट्रांसफर होने के बावजूद कई साल से उसी थाने पर जमे पुलिसकर्मी अवैध कमाई का जरिया बन चुके हैं। थानाक्षेत्र की भौगोलिक स्थित से पूरी तरह वाकिफ यह पुलिस वाले ठेले वालों से लेकर बड़े व्यापारियों तक में अपनी अच्छी पहचान बना चुके हैं। इसी का फायदा उठाकर वह हर महीने मोटी कमाई कर रहे हैं। नए थानेदार के आने पर अवैध कमाई में माहिर यही पुलिस वाले उनके खास बन जाते हैं। थानेदार अपने-अपने कारखासों को बचाने के लिए शासन स्तर तक जुगाड़ लगाने में जुट गए जाते हैं। हालां,कि इनकी रवागनी का आदेश जारी करने वाले यही अफसर कई साल से इन्हें संरक्षण भी दे रहे हैं,  जिसकी वजह से थानों में पांच साल से अधिक समय बिता चुके मुंशी से लेकर सब इंस्पेक्टर तक मलाई काट रहे हैं। तबादले की जद में ऐसे पदाधिकारी व जवान  जिनका थानों से मोहभंग नहीं हो रहा है।  एक थाने से दूसरे थाने जुगाड़ के दम पर पोस्टिंग लेकर यह हर महीने मोटी कमाई कर रहे हैं।

सभी थानों की स्थिति समान

सरायकेला, गम्हरिया, कांड्रा, आरआईटी, आदित्यपुर, राजनगर, निमडीह, खरसावां, चांडील, चौका, थाना में करीब तीन दर्जन पुलिस के पदाधिकारी व जवान पिछले पांच साल से जमे हुए हैं। इनका दूसरे थानों में तबादला होने के बाद भी इन थानों से मोहभंग नहीं हो रहा है। सरायकेला थाना में एक आपरेटर व जवान पिछले आठ साल से जमा हुआ है। कई बार तबादला होने के बाद भी सरायकेला थाना में जमे हुए हैं। गम्हरिया थाना का एक जमादार भी दस साल से जमा हुआ है। उसका भी कई बार तबादला हुआ। इसके बाद भी वहीं पर जमा हुआ है।

सभी पदों पर तीन साल में होना चाहिए ट्रांसफर

 नियम के अनुसार पदों पर काबिज पुलिस पदाधिकारी व जवान का ट्रांसफर तीन साल में होना चाहिए। लेकिन सरायकेला खरसावां जिला में नहीं हो रहा है और एक ही थाना में जमे हुए हैं।

ये कहते एसपी

 लंबे समय से विभिन्न थानों में पदस्थापित पदाधिकारी, हवलदार और पुलिस जवानों की सूची तैयार कर ली गई है। दो-तीन दिनों के भीतर ही सभी का तबादला सुनिश्चित किया जाएगा। तबादले के पश्चात योगदान नहीं करने या फिर पैरवी और पहुंच की बात सामने आने पर वैसे पदाधिकारी, हवलदार और पुलिस जवान के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। 

- मोहम्मद अर्शी, पुलिस अधीक्षक, सरायकेला खरसावां।


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