Move to Jagran APP

बस्ती में हाथियों को जाने से रोकने के लिए लगेंगे पौधे, जानिए पूरी योजना Jamshedpur News

वन विभाग जंगलों से सटे हुए गांवों में हाथियों का प्रवेश रोकने के लिए यह नया प्रयोग कर रहा है। दलमा जंगल से सटे गांव की सीमा पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:44 AM (IST)
बस्ती में हाथियों को जाने से रोकने के लिए लगेंगे पौधे, जानिए पूरी योजना  Jamshedpur News
बस्ती में हाथियों को जाने से रोकने के लिए लगेंगे पौधे, जानिए पूरी योजना Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। जंगल से निकल गांवों में पहुंच कर उत्पात मचाने वाले हाथियों से पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला -खरसावां जिले के ग्रामीण परेशान हैं। अब इस उत्पात को रोकने के लिए वन विभाग ने नई कवायद शुरू की है। दलमा जंगल से सटे गांव की सीमा पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। वन विभाग का ऐसा मानना है कि जब ये पेड़ बन कर फल देंगे तो हाथियों का पेट भरेगा। जंगली हाथी गांवों में नहीं घुसेंगे। वन विभाग के मुताबिक उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य में भी ऐसी कवायद की जा चुकी है। मालूम हो कि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी हाथियों के लिए संरक्षित है।

prime article banner

जानकारी के मुताबिक बीते तीन महीने में हाथियों ने सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में 39 किसानों को नुकसान पहुंचाया है। लगभग 20 बीघा जमीन में लगी फसल को नष्टकर दिया है। हर साल बड़ी संख्या में लोग मौत के शिकार भी होते हैं। यही वजह है कि वन विभाग जंगलों से सटे हुए गांवों में हाथियों का प्रवेश रोकने के लिए यह नया प्रयोग कर रहा है। इसके लिए चलियामा व लायलम जैसी प्रमुख नर्सरी में बांस, आम, कटहल, जामुन, बरगद, करंज, सागवान व पीपल के करीब डेढ़ लाख पौधे तैयार किए गए हैं। यह हाथियों के पसंदीदा भोजन हैं। दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी के डीएफओ सीपी सिन्हा कहते हैं कि इस प्रयास का असर आनेवाले दिनों में दिखेगा। जंगल में मन मुताबिक भोजन नहीं मिलने के कारण ही हाथियों का झुंड गांवों की ओर कूच करता है। अनाज और फसल खाने के दौरान ग्रामीणों के साथ हिंसक बर्ताव करता है। जब जंगल में ही भोजन मिलने लगेगा तो हाथी गांव की ओर नहीं जाएंगे।

जंगल में पौधरोपण का कार्य जुलाई के पहले सप्ताह से

दलमा जंगल क्षेत्र में जुलाई के प्रथम हफ्ते से पौधरोपण का कार्य शुरू होगा। रेंजर आरपी सिंह व दिनेश चंद्रा कहते हैं कि तय स्थानों पर गड्ढ़ा खोदने का काम जारी है। यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा। उत्तराखंड के केदारनाथ वन्य रिजर्व, राजा जी टाइगर रिजर्व, जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के अलावा छत्तीसगढ़ के सरगुजा, रायगढ़ व जसपुर में वन विभाग ने फलदार पौधरोपण के बाद काफी हद तक हाथियों के आतंक से काबू पाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.