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पूर्वी सिंहभूम जिले में औषधीय पौधे लगाने पर जोर

जमशेदपुर वन प्रमंडल इस वर्ष औषधीय पौधे लगाने पर ज्यादा जोर दे रहा है। यही कारण है कि वन विभाग की नर्सरियों में करंज अर्जुन छातवन नीम बकेन या महानीम पीपल आदि के चार लाख से अधिक पौधे तैयार हैं। इसमें से कुछ पौधे को नदी किनारे लगाने का काम शुरू भी कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 02:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:13 AM (IST)
पूर्वी सिंहभूम जिले में औषधीय पौधे लगाने पर जोर
पूर्वी सिंहभूम जिले में औषधीय पौधे लगाने पर जोर

जासं, जमशेदपुर : जमशेदपुर वन प्रमंडल इस वर्ष औषधीय पौधे लगाने पर ज्यादा जोर दे रहा है। यही कारण है कि वन विभाग की नर्सरियों में करंज, अर्जुन, छातवन, नीम, बकेन या महानीम, पीपल आदि के चार लाख से अधिक पौधे तैयार हैं। इसमें से कुछ पौधे को नदी किनारे लगाने का काम शुरू भी कर दिया गया है।

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जमशेदपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार का कहना है कि कोरोना काल को देखते हुए उन्होंने नर्सरी में अधिक से अधिक औषधीय पौधे तैयार करने का निर्देश दिया था। उनकी मंशा यह थी कि अधिक से अधिक औषधीय पौधे तैयार होने से भविष्य में इसका लाभ ग्रामीणों को ही मिलेगा। उन्होंने बताया कि औषधीय पौधे लगाने से वन विभाग का मकसद भी पूरा होगा साथ ही जड़ी-बूटी मिलने से देसी इलाज की परंपरा एक बार फीर कायम होगी। छतवान का उपयोग मलेरिया की दवा में कारगर साबित होता है। इसके अलावा बकेन या महानीम एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग बवासीर, पेट दर्द, खुजली, आंत या पेट के कीड़े मारने की दवा बनाने में किया जाता है।

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नीम के पेड़ से फायदा : नीम का पौधा मनुष्य के जीवन के लिए काफी फायदेमंद है। नीम की पत्ती ही नहीं बल्कि इससे गुजरने वाली हवा भी फायदेमंद होती है। नीम की पत्ती कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है। हाई ब्लड प्रेशर, मिर्गी जैसे बीमारी को ठीक करने में कारगर है। नीम से दांत साफ करने से दांत व मसूड़ों में होने वाली बीमारी जड़ से दूर हो जाती है। जमशेदपुर वन प्रमंडल में इस वर्ष 80000 पौधे लगाए जाएंगे।

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अर्जुन के पेड़ से फायदा : अजुर्न एक औषधीय वृक्ष होता है। दिल के मरीजों के लिए अर्जुन का पेड़ रामबाण साबित होता है। अर्जुन की छाल में अनेक प्रकार के रासायनिक तत्व पाये जाते हैं। इस संबंध में एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य सह बोटनिकल प्रोफेसर डॉ. अमर सिंह कहते हैं कि अर्जुन की छाल में कैल्शियम कार्बोनेट, सोडियम व मैग्नीशियम पाया जाता है। माना जाता है कि अर्जुन की छाल को गुड़ या शहद के साथ खाने से दिल के मरीजों को लाभ होता है। अर्जुन की छाल को चाय में डालकर पीने से हाई ब्लड प्रेशर भी सामान्य हो जाता है। जमशेदपुर वन प्रमंडल के तहत 50000 अर्जुन के पौधे लगाए जाएंगे।

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करंज के फायदे : करंज एक औषधीय पौधा है। इस पेड़ का हर भाग में औषधीय गुण पाए जाते हैं। गांव के लोग करंज के दतवन से दांत साफ करते हैं। इससे दांत के साथ ही मसूड़ा मजबूत होता है। करंज का पत्ता का उपयोग त्वचा को निरोग रखने में अहम योगदान देता है। बोटनिकल प्रोफेसर अमर सिंह कहते हैं कि गांवों में खुजली के साथ ही त्वचा में किसी भी प्रकार की बीमारियों के लिए लोग करंज पत्ते का उपयोग करते हैं। करंज का साबुन, इसके फूल से खाद बनाए जाते हैं। यही नहीं करंज के धुएं से मच्छर भागते हैं। दीपावली में करंज के तेल से दीप जलाने का विशेष महत्व होता है।


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