Coronavirus Lockdown Positive Effect : सारंडा में नाचा मोर, भालू भी कर रहे उछल-कूद
Coronavirus Lockdown Positive Effect. यह कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का सकारात्मक दृश्य है। जंगल में मोर नाच रहा है तो भालू भी उछल-कूद कर रहा है।
चाईबासा, जासं। यह कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का सकारात्मक दृश्य है। जंगल में मोर नाच रहा है तो भालू भी उछल-कूद कर रहा है। यह नजारा आह्रलादित करने वाला है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत सारंडा वन प्रमंडल, चाईबासा के ससंगदा वन प्रक्षेत्र,किरीबुरू के जंबईबुरू (करमपदा -थलकोबाद मुख्य मार्ग ) के पास मोर व शांति स्थल ( सेडल- किरीबुरू मुख्य मार्ग) के पास भालू को विचरण करते देखा गया।
सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में लॉकडाउन है । इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह उम्मीद की जाती है कि जल्द से जल्द कोरोना संकट से निजात पा लेंगे । परंतु कोरोना ने भी मानव को प्रकृति से जुड़ने का एक अवसर प्रदान किया है। उम्मीद की जाती है कि मानव भी प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों से और ज्यादा जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इंसान को यह बात समझनी होगी कि धरती सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है । किसी भी विकास की दौर में जीव- जंतु ,पेड़ - पौधे एवं पर्यावरण के संतुलन को ध्यान में रखना अति आवश्यक होगा।
पुराने स्वरूप में लौट रही प्रकृति
रजनीश कहते हैं कि सारंडा के खनन बहुल क्षेत्र में जहां वाहनों का आवागमन ज्यादा करता था, उन क्षेत्रों में लौह अयस्क की धूल के कारण सड़क के किनारे पेड़- पौधे के पत्ते लाल -लाल दिखाई पड़ते थे। परंतु लॉकडाउन के समय प्रदूषण के स्तर में कमी होने व बारिश के कारण वे फिर से हरे दिखाई देने लगे हैं। पत्तियों का हरा- भरा दिखना व वन्यजीवों की उपस्थिति से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति अपने पुराने स्वरूप को पुनः प्राप्त कर रही है।