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पत्थलगड़ी का मौजूदा स्वरूप गलत : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

आदिवासियों में पत्थलगड़ी की परंपरा बहुत पुरानी है। यह गलत भी नहीं। लेकिन इसका वर्तमान स्वरूप गलत है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 02:59 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 02:59 PM (IST)
पत्थलगड़ी का मौजूदा स्वरूप गलत : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू
पत्थलगड़ी का मौजूदा स्वरूप गलत : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आदिवासियों में पत्थलगड़ी की परंपरा बहुत पुरानी है। यह गलत भी नहीं है, लेकिन आजकल पत्थलगड़ी के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह ठीक नहीं है। पत्थलगड़ी का मौजूदा स्वरूप आदिवासियों और आम जनता के विरूद्ध है।

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यह बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहीं। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में इलाजरत पूर्व सांसद बागुन सुम्बरुई को देखने के बाद राज्यपाल ने अस्पताल परिसर में ही पत्रकारों से बात कीं। उन्होंने कहा कि पत्थलगड़ी के मुद्दे पर उन्होंने राजभवन में बैठक बुलाई थी, जिसमें करीब 700 मानकी-मुंडा, पड़हा राजा आदि आए थे। वह लोग भी विवाद नहीं चाहते। कुछ लोग इन्हें बरगला रहे हैं, लेकिन ये समझदार हैं, समझ जाएंगे। इसमें समय लगेगा। वह लोग भी विकास चाहते हैं। उनसे बात हुई तो उनका यही कहना था कि हमें अच्छी सड़क चाहिए, स्वास्थ्य सुविधा बेहतर मिले, स्कूलों में अच्छी पढ़ाई हो, साधन हो। पर्याप्त बिजली मिले। कुल मिलाकर विवाद कोई नहीं चाहता। पत्थलगड़ी के विकृत स्वरूप को लेकर आदिवासी भी चिंतित हैं।

इसी क्रम में भूख से मौत पर राज्यपाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि भूख से मौत नहीं हुई है, जबकि दूसरे कह रहे हैं कि हुई है। सच क्या है, उन्हें नहीं मालूम है। वैसे इसकी जांच चल रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि सही क्या है। वह लोगों से अपील करती हैं कि जैसे ही बीमार पड़ें, अस्पताल पहुंचें, ताकि समय पर इलाज हो सके। आखिरी समय (इलेवन मोमेंट) में अस्पताल जाएंगे, तो कोई क्या कर सकेगा।

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बागुन व अटल जी जल्दी स्वस्थ हों

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्होंने पूर्व सांसद बागुन सुम्बरुई को देखा। उनकी हालत स्थिर है, लेकिन दवा का असर हो रहा है। उन्होंने डॉक्टरों व परिजनों से भी बात की। सभी आशान्वित हैं कि ये जल्दी ठीक हो जाएंगे। उधर अटल जी भी एम्स में भर्ती हैं। वह भगवान से प्रार्थना करती हैं कि दोनों जल्दी ठीक हों। ये दोनों जनसेवक हैं। राज्यपाल करीब दस मिनट तक अस्पताल में रहने के बाद सोनारी एयरपोर्ट की ओर निकल गईं।


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