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आश्वासन पर खत्म हुई पंचायत समिति सदस्यों की भूख हड़ताल

विभिन्न मांगों को लेकर पंचायत समिति सदस्य अधिकार मंच की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल ने दूसरे ही दिन बुधवार को दम तोड़ दिया।

By Edited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 10:00 AM (IST)
आश्वासन पर खत्म हुई पंचायत समिति सदस्यों की भूख हड़ताल
आश्वासन पर खत्म हुई पंचायत समिति सदस्यों की भूख हड़ताल

जासं, जमशेदपुर : विभिन्न मांगों को लेकर पंचायत समिति सदस्य अधिकार मंच की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल ने दूसरे ही दिन बुधवार को दम तोड़ दिया। एडीसी सौरव सिन्हा, जिप उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह व सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार ने बुधवार शाम सदस्यों को जूस पिलाकर हड़ताल खत्म कराया। हड़ताल तुड़वाने में अहम योगदान जिप उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह का रहा।

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हड़ताल समाप्त होने से करीब एक घंटे पूर्व एडीसी मंच के सदस्यों से वार्ता करने गए थे, मगर सदस्यों ने उन्हें लौटा दिया था। सूचना पर राजकुमार पहुंचे और हड़ताल पर बैठे सदस्यों को मनाया। मामला बनता देख एडीसी दोबारा हड़तालियों से मिलने पहुंचे और मांगों पर एक माह के भीतर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। मंच के संयोजक महेन्द्र आल्डा ने कहा कि अगर एक माह के भीतर उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं हुई तो मंच के सदस्य दोबारा अनशन पर चले जाएंगे। एडीसी ने कहां कि मंच की मांग पर जल्द ही पंचायत क्षेत्रों में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का कार्य आरंभ किया जाएगा। इसकी शुरुआत घाघीडीह पंचायत से की जाएगी। वही हड़ताल पर बैठे मंच के सदस्यों के समर्थन में पहुंचे कांग्रेसी नेता गणपति करुवा ने कहा कि मंच की सभी मांगें जायज हैं। जिप उपाध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि जिला प्रशासन मांगों पर त्वरित कार्यवाही करे, ताकि मंच के सदस्यों को दोबारा हड़ताल पर जाने की नौबत ना आए।

ये थे भूख हड़ताल पर

उप प्रमुख अफजल अख्तर, पंचायत समिति सदस्य बबीता करुवा, कन्हाई करुवा, राजू पात्रो, राजू बेसरा, भीम मार्डी, प्रभा हासदा, विश्वजीत भगत, द्रौपदी मुंडा व बिरजू पात्रो।

कौन-कौन पहुंचा समर्थन में

कांग्रेस किसान मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष गणपति करुवा, जिला संगठन सचिव शुभम झा, अंकुश बनर्जी, भरत ¨सह, अपर्णा गुहा, सुबोध ¨सह सरदार, जिप अध्यक्ष बुलू रानी ¨सह, जिप सदस्य राखी गुहा व उपमुखिया खंघर्ष मोर्चा के सुनील गुप्ता समेत अन्य। क्या थी मांगें पंसस व जिला पार्षद को सरकारी फंड उपलब्ध कराने, सांसद व विधायक की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को आजीवन पेंशन लागू करने व पंचायत प्रतिनिधियों को सरकार की ओर से बीमा कराने समेत अन्य।


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