परिवर्तन यात्रा को लेकर बीकेएम व प्रशासन में ठनी
प्रशासन ने दुर्गा पूजा से पहले कानून-व्यवस्था बिगडऩे की आशंका के मद्देनजर परिवर्तन यात्रा की मंजूरी को रद कर दिया है।
जमशेदपुर(जागरण संवाददाता)। संविधान बचाओ-देश बचाओ का नारा देकर झारखंड में परिवर्तन यात्रा शुरू करने की तैयारी में जुटे बहुजन क्रांति मोर्चा (बीकेएम) को प्रशासन ने जोरदार झटका दिया है। प्रशासन ने दुर्गा पूजा से पहले कानून-व्यवस्था बिगडऩे की आशंका के मद्देनजर परिवर्तन यात्रा की मंजूरी को रद कर दिया है। हालांकि बीकेएम सदस्यों ने हर हाल में परिवर्तन यात्रा के तहत आम सभा तय स्थान पर ही करने की घोषणा की है। ऐसे में हालात बेकाबू होने की संभावना बनी हुई है। डीसी अमित कुमार ने दो टूक कहा कि यदि बीकेएम के सदस्य कानून का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार बीकेम ने इन दिनों देशव्यापी आंदोलन के तहत परिवर्तन यात्रा का दौर शुरू कर रखा है। झारखंड के जमशेदपुर से परिवर्तन यात्रा प्रारंभ कर 7 अक्टूबर को रांची में समाप्त करने का कार्यक्रम बनाया गया। इसके तहत विशाल जनसभा का आयोजन साकची आम बगान में सुनिश्चित किया गया और इसमें बीकेएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम, पूर्व सांसद मौलाना ओबेदुल्लाह खान आजमी, मौलाना मंजर मोहसिन समेत सिख व ईसाई धर्म के प्रचारकों को शामिल होना है।
बताया जा रहा है कि बीकेएम के कोल्हान प्रभारी नवीन मुर्मू ने आम सभा के लिए प्रशासन से मंजूरी मांगी थी। पहले तो अनुमंडल अधिकारी ने इजाजत दे दी पर सोमवार को जब खुफिया एजेंसियों से गड़बड़ी की आशंका के इनपुट मिलने के बाद प्रशासन ने मंजूरी को रद कर दिया।
इधर, जब आयोजकों को इस बाबत जानकारी मिली तो वे डीसी अमित कुमार के समक्ष विरोध जताने पहुंच गए। बीकेएम के सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए का हवाला देते हुए आम सभा करने की मंजूरी देने को कहा, पर डीसी बिल्कुल तैयार नहीं हुए। जिसके बाद बीकेएम नेताओं ने निर्धारित स्थान पर ही हर हाल में आम सभा करने की बात कहकर डीसी दफ्तर से निकल गए।
ये है बीकेएम की मांगें
-संविधान जलाने वाले को फांसी दी जाए
-मॉब लींचिंग के खिलाफ मुसलमान, ईसाई और सिखों पर धर्म के नाम पर अत्याचार बंद हो
-कम्युनल वायलेंस प्रिवेंशन कानून बनाया जाए
-चर्चों पर हो रहे हमलों को रोका जाए
-धर्मान्तरण बिल के विरोध में आदिवासी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए
-झारखंड के शिक्षित बेरोजगार टेंपो एवं वैन चालकों को रोड टैक्स से मुक्त किया जाए।