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कोरोना जांच टीम को देख मचा हड़कंप, झारखंड के इस गांव में राशन छोड़ भागे ग्रामीण

सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड में अजीबोगरीब मामला सामने आया। कुमीर के बांधाकुल्ही गांव में पीडीएस के पास लंबी लाइन लगी थी। तभी कोरोना जांच टीम को देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और वह राशन छोड़ भाग गए।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 07:14 PM (IST)
कोरोना जांच टीम को देख मचा हड़कंप, झारखंड के इस गांव में राशन छोड़ भागे ग्रामीण
कोरोना जांच टीम को देख मचा हड़कंप, झारखंड के इस गांव में राशन छोड़ भागे ग्रामीण

जमशेदपुर : एक तरफ कोरोना संक्रमण तेजी से गांवों की ओर बढ़ रही है तो दूसरी ओर जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण टीकाकरण केंद्र पर पहुंच नहीं पा रहे हैं। आलम यह है कि कोरोना जांच केंद्र पर मरीज नहीं पहुंच रहे हैं और झोला छाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं। नतीजा, असमय ही कई ग्रामीणों की मौत हो जा रही है। कई का तो मौत के बाद पता चल रहा है कि वह कोरोना संक्रमित थे।

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उपायुक्त ने स्वास्थ्य कर्मियों को रोजाना जांच का दिया है लक्ष्य

पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त सूरज कुमार ने गांवों मे टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है। हर स्वास्थ्य टीम को टार्गेट दिया गया है कि रोजाना कम से कम 500 लोगों की जांच होनी चाहिए। स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर दबाव इतना है कि लक्ष्य पूरा करने के लिए वैसे जगह पर पहुंच जा रहे हैं, जहां ज्यादा से ज्यादा लोग इकट्ठा हो। ताकि जांच भी हो जाए और घर-घर घूमना भी नहीं पड़े।

कोराना जांच टीम को देखते ही राशन छोड़ भाग गए गांव वाले

सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड में अजीबोगरीब मामला सामने आया। कुमीर पंचायत के बांधाकुल्ही गांव में पीडीएस के पास लंबी लाइन लगी थी। इसमें ज्यादातर महिलाएं थी। सूर्य की तपिश आंखों को चौंधिया दे रही थी। कई ग्रामीण पेड़ की ओट लिए धूप से बचने का प्रयास कर रहे थे। तभी एक गाड़ी में स्वास्थ्य विभाग की टीम पीडीएस दुकान के पास पहुंचती है। राशन लेने के लिए लाइन में खड़े ग्रामीण एकटक से कभी गाड़ी को देख रहे हैं तो कभी स्वास्थ्य कर्मियों को। जैसे ही स्वास्थ्यकर्मियों ने टेस्टिंग किट गाड़ी से उतारना शुरू किया तो सीधे-सादे गांव वाले सन्न रह गए। राशन लेने के लिए लाइन में खड़े ग्रामीणों में खलबली मच गई। इसी बीच किसी ने कह दिया, ये तो कोरोना वैक्सीन देने आया है।

ग्रामीणों को समझाते रहे स्वास्थ्यकर्मी, पर एक न चली

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि हम सिर्फ कोरोना टेस्ट करना चाहते हैं, ताकि पूरा गांव सुरक्षित रहे। लेकिन गांव वाले कहां मानने वाले थे। पीडीएस दुकान पर खड़े ग्रामीण राशन छोड़कर भागने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम आरजू-मिन्नतें करती रही, लेकिन ग्रामीण कहां मानने वाले थे। लाइन में लगे सभी लोग बिना राशन लिए ही भाग गए। स्थानीय राशन डीलर सहदेव महतो भी ग्रामीणों को समझाते रहे, लेकिन उनकी कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सहदेव ने ग्रामीणों के सामने खुद कोरोना टेस्ट कराया, ताकि ग्रामीण जांच करा सके। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। सहदेव महतो के निवेदन पर कुछ युवा आगे आए और कोरोना टेस्ट कराया।

तीन टीकाकरण केंद्र पर एक भी ग्रामीण टीका लेने नहीं पहुंचा

उधर, पटमदा प्रखंड के अन्य टीकाकरण केंद्र का भी यही हाल है। केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सुबह से ही पहुंच जा रही है, लेकिन एक भी ग्रामीण वैक्सीन लेने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। पटमदा प्रखंड के लक्षीपुर, ओपो, जोरसा गांव में शनिवार को टीकाकरण शिविर लगाया गया था। दिन भर टीम ग्रामीणों का इंतजार करती रही है, लेकिन यहां वैक्सीनेशन शून्य रहा। शाम तक एक भी आदमी नहीं पहुंचने के बाद थक हारकर स्वास्थ्य कर्मी बैरंग वापस लौट गए।


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