फिल्म लगान जैसी है यह दिहाड़ी मजदूरों की टीम, खेल के मैदान से सामाजिक सरोकार तक कोई सानी नहीं
जमशेदपुर स्पोर्टिग एसोसिएशन फुटबॉल लीग में धाक जमाने वाली इस टीम के खिलाड़ी न सिर्फ मैदान पर पसीना बहाते हैं बल्कि सामाजिक सरोकार निभाने में भी पीछे नहीं रहते।
जमशेदपुर, जासं। आपने फिल्म लगान तो देखी होगी। इस फिल्म में गांव के अनपढ़ लोग अंग्रेजों को किस तरह क्रिकेट के मैदान पर धूल चटाते हैं। ऐसा ही कुछ पीआरएमसी की टीम में देखने को मिल जाएगा। जमशेदपुर स्पोर्टिग एसोसिएशन द्वारा आयोजित जेएसए फुटबॉल लीग में धाक जमाने वाली इस टीम के खिलाड़ी न सिर्फ मैदान पर पसीना बहाते हैं, बल्कि सामाजिक सरोकार निभाने में भी पीछे नहीं रहते हैं।
झारखंड के जमशेदपुर शहर से सटे देवघर गांव की यह टीम न सिर्फ अपने गांव में नशा मुक्ति अभियान चलाती है, बल्कि बच्चों को शिक्षित भी करती है। कोई भी टीम चलाना इतना आसान होता है। आर्थिक दुश्वारियों से जूझना कोई इस टीम से सीखे। टीम के सभी खिलाड़ी दिहाड़ी मजदूर हैं। इस टीम के पास अपना कोई मैदान नहीं है। पथरीली जमीन पर अभ्यास करते हैं।
गांव के चंदे से चलती यह टीम
पंडित रघुनाथ मेमोरियल क्लब के सदस्य पिथो सोरेन ने बताया कि टीम को चलाने में एक सीजन में लगभग 50000 रुपये का खर्च आता है। इसके लिए पूरे देवघर गांव में चंदा होता है। टीम के कप्तान दिलीप खुद मजदूर हैं। दिलीप मुर्मू स्टेशन पर मजदूरी करके खेलते हैं। वहीं टीम के गोलकीपर बाबू रोजाना गांव से शहर में दिहाड़ी करने के लिए आते हैं। डिफेंडर सोबेन खेती करके अपने फुटबॉल के शौक को पूरा कर रहे हैं तो मेसन भी रोज गांव से शहर आकर दिहाड़ी करते हैं। इसके अलावा मीडफिल्डर सुनील भी मजदूरी के जरिये अपना पेट पाल रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद इन खिलाड़ियों के चेहरों पर शिकन तक नहीं है। वे पूरे मनोयोग से अपना खेल खेलते हैं।
शिक्षा का अलख भी जगा रहे खिलाड़ी
पीआरएमसी गांव में शिक्षा की रोशनी भी फैला रहा है। बेहद पूरी स्थिति से गुजर रही पीआरएमसी की टीम ने अपने क्लब के कई विभाग स्थापित किए हैं, इसमें एजूकेशन सेल भी एक है। इस विभाग का हेड पिथो सोरेन हैं। पिथो बताते हैं, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मैटिक तक की पढ़ाई का खर्च क्लब उठाता है। गांव में एक स्कूल भी नहीं है। पिथो सोरेन ने बताया कि पंडित रघुनाथ मेमोरियल क्लब ने अपने गांव को नशा से बचाने के लिए 1992 से ही मुहिम छेड़ रखी है। यही नहीं क्लब के सदस्य वन व पहाड़ की रक्षा का बीड़ा भी उठा रखा है।