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यहां बेकार चायपत्ती से बन रही जैविक खाद, इनकी पहल को करे सलाम Jamshedpur News

Organic fertilizer. नगर परिषद के सफाईकर्मी होटलों चाय दुकानों से चायपत्ती का अवशिष्ट जमा कर उसे एक अलग कंटेनर में जमा कर देते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 02:01 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 04:36 PM (IST)
यहां बेकार चायपत्ती से बन रही जैविक खाद, इनकी पहल को करे सलाम Jamshedpur News
यहां बेकार चायपत्ती से बन रही जैविक खाद, इनकी पहल को करे सलाम Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  जुगसलाई नगर परिषद व टोवैसो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक साथ मिलकर उपयोग की जा चुकी चायपत्ती से जैविक खाद बना रही है। जैविक खाद का निर्माण इस क्षेत्र की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। नगर परिषद के सफाईकर्मी होटलों, चाय दुकानों से चायपत्ती का अवशिष्ट जमा कर उसे एक अलग कंटेनर में जमा कर देते हैं।

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उसके बाद स्थानीय महिला समिति उस चायपत्ती  में कुछ पेड़ की पत्तियों व सब्जी के छिलके मिलाकर कड़े धूप में सुखा देती हैं। इस तरह एक निश्चित अवधि में जैविक खाद बनकर तैयार हो जाती है। जैविक खाद बनाने वाली महिलाओं नजमा, शशि व सुषमा ने बताया कि चायपत्ती से खाद बनाना सीख गए। इसका बाजार में बिक्री करना शुरू भी कर दिए थे। इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन के साथ ही बारिश का दिन होने कारण काम फिलहाल काफी कम हो गया है। जैसे कोरोना व बारिश खत्म होगी, बड़े पैमाने पर महिलाएं इस रोजगार से जुड़ेंगी।

महिलाओं को घर बैठे मिल गया रोजगार

जुगसलाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगदीश प्रसाद यादव कहते हैं कि टोवैसो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधियों ने घर में बैठी महिलाओं को उपयोग किए गए चायपत्ती का जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया। जिसमें 100 से अधिक महिलाओं को जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी व अन्य ने दिया। कार्यपालक पदाधिकारी कहते हैं कि दुकानदार पहले सड़क किनारे नाली में या इधर-उधर चायपत्ती फेंक देते थे। जिससे धीरे-धीरे नालियां जाम हो जाती थी। अब जाम भी नहीं होगी बल्कि कचरा से रोजगार का साधन मिल गया।

फूलों के लिए वरदान है जैविक खाद

चायपत्ती से जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण देने वाली स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी कहती हैं कि फूलों के लिए तो वरदान है यह जैविक खाद। उन्होंने बताया कि इसके प्रयोग से गुलाब, लाल जवा फूल, चमेली, गेंदा आदि फूल बड़े आकार में सुंदर व काफी दिनों तक सुरक्षित रहते हैं। उन्होंने बताया कि चायपत्ती में बहुत सारे तत्व पाए जाते हैं जो पौधों के लिए काफी लाभदायक होते हैं। बाजार में 100 प्रतिशत नेचुरल टी कंपोस्ट नाम से पैकेट में खाद बिक्री करना शुरू कर दिया गया था।

20 दिन में तैयार हो जाता है जैविक खाद

स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी ने बताया कि उपयोग में आए चायपत्ती को अलग कंटेनर में जमा किया जाता है। इसमें सब्जी के छिलके और पेड़ की पत्तियां डालकर मिला दिया जाता है। अच्छे से मिलाकर उसे 20 दिन तक सुखा देंगे। सुखाने के बाद दुबारा उसे अच्छी तरह मिलाएंगे। यदि जरुरत हो तो उसमें थोड़ा खुशबू मिला सकते हैं, इसके बाद उसे पैकेट में डाल कर पैक कर दें।  खाद बनकर तैयार हो जाता है। 


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