Move to Jagran APP

मेहनत और ममता के बूते कुपोषण को मात देंगी माताएं, बच्चे बनेंगे ताकतवर ; ये है योजना

कुपोषित बच्चों की मां स्वयं अपने हाथों से साग-सब्जियां उगाएंगी। यह साग-सब्जी कुपोषित बच्चों और अस्पताल में भर्ती मरीजों को खिलाई जाएगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 11:07 AM (IST)
मेहनत और ममता के बूते कुपोषण को मात देंगी माताएं, बच्चे बनेंगे ताकतवर ; ये है योजना
मेहनत और ममता के बूते कुपोषण को मात देंगी माताएं, बच्चे बनेंगे ताकतवर ; ये है योजना

चाईबासा, सुधीर पांडेय। कुपोषण के मामले में देश में चौथे स्थान पर पहुंच चुके झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में इस कलंक को मिटाने के कई प्रयास हाल के दिनों में शुरू हुए हैं। इसमें एक प्रयोग किचेन गार्डेन का भी है, जिसमें अस्पताल में भी अपनी मां के हाथ की उगाई साग-सब्जियां खाकर कुपोषित बच्चे ताकतवर बनेंगे। इन उत्पादों में नैसर्गिक शुद्धता और पौष्टिकता के साथ मां की ममता भी सनी होगी। 

loksabha election banner

नई कवायद के तहत पश्चिम सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में किचेन गार्डन तैयार किया जाएगा। इसमें कुपोषित बच्चों की मां स्वयं अपने हाथों से साग-सब्जियां उगाएंगी। यह साग-सब्जी कुपोषित बच्चों और अस्पताल में भर्ती मरीजों को खिलाई जाएगी। जैविक खेती करने के लिए कुपोषण उपचार केंद्र के हेड डॉ. जगन्नाथ हेंब्रम ने करीब 25 महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दी है। जल्द ही अस्पताल परिसर में किचेन गार्डन तैयार हो जाएगा। जिले के सभी प्रखंड कार्यालयों में किचेन गार्डन तैयार किए जा चुके हैं। यहां स्थित दाल-भात केंद्रों में किचेन गार्डेन में उत्पादित साग-सब्जी पकाई जाती है। पहली बार सदर अस्पताल में भी इस योजना पर काम हो रहा है।

किचेन गार्डेन के लिए माताओं की काउंसिलिंग 

 चाईबासा के सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र से 5000 से अधिक बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। विभिन्न कारणों से कुपोषण उपचार केंद्र में इलाजरत बच्चों की माताएं भी उनके साथ आकर रहती हैं। अपने बच्चों की देखभाल करने के साथ-साथ उनके पास काफी खाली समय भी रहता है। उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कुपोषण की समस्या को जिले से खत्म करने की मुहिम के तहत सदर अस्पताल में उपलब्ध खाली भूमि पर पोषक साग-सब्जी उगाने का निर्णय लिया है। उप विकास आयुक्त के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सदर चाईबासा पारुल सिंह और कुपोषण उपचार केंद्र के नोडल डॉ. जगन्नाथ हेंब्रम ने वहां पर आई हुई माताओं के साथ विचार-विमर्श किया। विचार-विमर्श के दौरान कई माताओं ने स्वेच्छा से किचन गार्डन में सब्जियां उगाने की बात सहर्ष कही।

ऑर्गेनिक तरीके से होगी खेती 

 महिलाओं का कहना है कि हमारे द्वारा लगाई गई सब्जियों में केमिकलयुक्त फर्टिलाइजर की मात्र भी नहीं होगी। यह सब्जियां ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जाएंगी। इन सब्जियों के जरिए माताओं को भी पोषाहार मिलेगा, जिससे एमटीसी में इलाजरत बच्चों को भी लाभ पहुंचेगा। वहीं कुपोषण उपचार केंदऱ के डॉ. जगन्नाथ हेंब्रम ने कहा कि साग-सब्जी उगाने की इस मुहिम को और भी रोचक बनाने के लिए माताओं को भूमि के अलग-अलग भाग दिए जाएंगे और उनके बीच स्वस्थ प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।

विस्तार देने की भी योजना

इस तरह की मुहिम सदर अस्पताल और एमटीसी के साथ सभी स्वास्थ्य व आरोग्य केंद्रों, मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों और प्रखंड कार्यालयों में चलाने की रूपरेखा तैयार है।

- आदित्य रंजन, उप विकास आयुक्त, पश्चिमी सिंहभूम।

  • पश्चिमी सिंहभूम में महिलाओं ने शुरू की अनोखी पहल
  • कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती बच्चों की माताएं सदर अस्पताल परिसर में उगाएंगी जैविक साग-सब्जी
  • आर्गेनिक तरीके से साग-सब्जियां उगाकर माताएं बच्चों को स्वस्थ बनाने में निभाएंगी अहम भूमिका
  • खेती के लिए कुपोषण केंद्र में भर्ती बच्चों की मां को दी जाएगी जमीन

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.