इस सरकारी स्कूल में लॉकडाउन में चल रही ऑनलाइन डिजिटल क्लास
यह झारखंड का एकमात्र सरकारी स्कूल है जहां लॉकडाउन में दसवीं के विद्यार्थियों को स्कूल में डिजिटल शिक्षा मिल रही है। न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में नियमित कक्षा हो रही है।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। सरकारी स्कूल हमेशा शिक्षकों की कमी और लचर व्यवस्था जैसे मुद्दों से जुझते देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड के आदित्यपुर स्थित न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय ऐसे सरकारी स्कूलों के लिए एक मिसाल बनकर सामने आया है। जहां संसाधनों के अभाव के बावजूद दृढ़ इच्छाशक्ति से यह सरकारी स्कूल आज कई मायनों में निजी स्कूलों को पीछे छोड़ रहा है।
यह सब संभव हो पा रहा है, न्यू कॉलोनी हाईस्कूल की प्राचार्य संध्या प्रधान के कारण। संध्या प्रधान को वर्ष 2019 में राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस स्कूल में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्राचार्य अपने स्तर से दसवीं के विद्यार्थियों की कक्षा आइसीटी लैब में ले रही है। यह स्कूल झारखंड का एकमात्र सरकारी स्कूल है, जहां लॉकडाउन में बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य स्तर से जारी पाठ्यक्रम के अनुरूप से विद्यार्थियों को आइसीटी लैब के डिजिटल स्क्रीन में यह शिक्षिका बच्चों को बड़ी आसानी से समझा रही है।
बच्चों के पास मोबाइल नहीं, इसलिए ढूंढा तरीका
न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय की प्राचार्य संध्या प्रधान ने बताया कि सरकारी स्कूल के सभी बच्चों के पास मोबाइल नहीं है। इस कारण आवश्यकतानुसार कम से कम दसवीं के छात्रों के लिए यह तरीका अपनाया। इसके लिए वे रोज स्कूल आती है। प्रत्येक बैच में 18-18 विद्यार्थियों को बुलाया जाता है। सुबह दस से दोपहर के एक बजे तक यह कक्षाएं चलती है। कुल दो बैच के छात्रों को इस तरीके से शिक्षा दी जा रही है।
लॉकडाउन में भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा
न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शारीरिक दूरी का पालन कर पढ़ते छात्र-छात्राएं।
संध्या प्रधान को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ही राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन में भी यह शिक्षिका बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। स्कूल में चल रहे डिजिटल क्लास में 80 प्रतिशत बालिकाएं ही शिक्षा ग्रहण कर रही है। इसके पीछे उनका तर्क है बालक तो कहीं से भी स्मार्ट फोन जुगाड़ कर किसी तरह पढ़ाई कर लेते हैं, लेकिन गांव की बालिकाओं के लिए यह संभव नहीं होता। इस कारण 80 प्रतिशत बालिकाएं और 20 प्रतिशत बहुत ही गरीब छात्र इस कक्षा का लाभ ले रहे हैं।
ऐसे मिली अनुमति
शिक्षिका संध्या प्रधान।
न्यू कॉलोनी उत्क्रमित उच्च विद्यालय आदित्यपुर की प्राचार्य संध्या प्रधान ने लॉकडाउन में स्कूल खोलने तथा डिजिटल क्लास प्रारंभ करने को लेकर सबसे पहले स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई। इसके बाद उन्होंने अपना प्रस्ताव समिति के पास रखा। समिति ने अपने स्तर से प्रयास कर प्रशासनिक अनुमति दिलवाई।
ये कहते प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी
अगर शिक्षकों में इच्छाशक्ति हो तो वह कुछ भी कर सकते हैं। संध्या के इस कदम का स्वागत शिक्षा विभाग ने किया है। ऐसे ही शिक्षकों की बदौलत आज भी सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
- शिवेंद्र कुमार, प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, सरायकेला-खरसावां।