Lockdown Effect : दूसरों को रूलाने वाला प्याज खुद बहा गया आंसू, कीमत सुनकर रह जाएंगे हैरान Jamshedpur News
प्याज का उत्पादन अधिक होने और लॉकडाउन की वजह से आवागमन सहित खरीदारी घटने का असर दिखना शुरू हो गया है। कल तक दूसरों को रूलाने वाला प्याज खुद आंसू बहा रहा है।
जमशेदपुर, जासं। प्याज का उत्पादन अधिक होने और लॉकडाउन की वजह से आवागमन सहित खरीदारी घटने का असर दिखना शुरू हो गया है। वैसे तो सभी सब्जियों के दाम सस्ते हो गए हैं, लेकिन आश्चर्यनजक रूप से प्याज काफी सस्ता हो गया है।
अब गली-मोहल्ले की दुकान में भी 14 रुपये किलो प्याज मिलने लगा है। साकची, बिष्टुपुर व गोलमुरी के अलावा मानगो में भी रविवार को सवा किलो बीस..सवा किलो बीस..प्याज बेच रहे थे। शंकोसाई स्थित खड़िया बस्ती के पास बेच रहे राजू कुमार ने बताया कि उसने सुबह में एक बोरी प्याज खरीदा था। दोपहर तक आधा ही बिका। शाम को आंधी-पानी आ गई, जिससे पूरा माल नहीं बिक सका। उधर, प्याज के थोक विक्रेता विनोद कुमार ने बताया कि नासिक का प्याज 11.50 और 12 रुपये किलो क्वालिटी के अनुसार थोक मंडी से बिक रहा है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के नागपुर इलाके से आने वाला प्याज का थोक भाव 10 रुपये किलो हो गया है। अब इससे कम होने की गुंजाइश नहीं है।
जबरन माल भेज रहे कारोबारी
थोक विक्रेता राजकुमार साह व विनोद कुमार ने बताया कि नासिक, नागपुर व इंदौर के कारोबारी जबरन माल भेज दे रहे हैं। उत्पादन अधिक हो गया है और कोरोना की वजह से हर जगह माल जा भी नहीं पा रहा है, इसलिए उनकी भी मजबूरी है। हमारी मजबूरी है कि हम बंगाल-ओडिशा माल नहीं भेज पा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी खरीदारी लगभग आधी हो गई है, जो अलग परेशानी है। लॉकडाउन की वजह से आधे से ज्यादा आबादी की क्रय क्षमता घट गई है।
जल्दी खराब हो जाता नागपुर-इंदौर का प्याज
थोक कारोबारी विनोद कुमार ने बताया कि नासिक का प्याज ज्यादा दिन टिकता है, लेकिन नागपुर-इंदौर का प्याज जल्दी खराब हो जाता है। माल आते ही एक सप्ताह में नहीं बिका, तो खराब होने लगता है।