Omicron Side Effect : कोविड का असर, जमशेदपुर कार्निवाल व फ्लावर शो पर लगा ग्रहण
Jamshedpur Carnival जमशेदपुर हमेशा से जीवंत शहर रहा है। देश के सबसे पुराने औद्योगिक नगरी में मौज मस्ती का सालों भर आयोजन होता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लौहनगरी में पिछले दो साल से सबकुछ बंद है...
जमशेदपुर : लौहनगरी में कोविड 19 के जिस तरह के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। उसके कारण इस वर्ष भी जमशेदपुर कार्निवाल और फ्लावर शो नहीं होगा। टाटा स्टील और टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) के संयुक्त प्रयास से पिछले कई सालों से विंटर फेस्ट के रूप में कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है।
दिसंबर माह में आयोजित होता है कार्यक्रम
जमशेदपुर कार्निवाल दिसंबर माह में 18 से 21 तारीख तक चलता है। इस कार्निवाल में जुबिली पार्क से विंटर कार सहित सभी सामाजिक व शैक्षणिक संस्थानों की ओर से परेड निकाला जाता है। जिसमें सभी झूमते, नाचते-गाते हुए बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान पहुंचते थे और यहां कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसके अलावा हर दिन मास्टर शेफ, बच्चों के लिए फन जोन, सहित कई तरह के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता था। जिसका सभी शहरवासियों को बेसब्री से इंतजार होता है।
कार्निवाल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना
इसका उद्देश्य न सिर्फ जमशेदपुर में पर्यटन का बढ़ावा देना बल्कि स्थानीय निवासियों को मौज-मस्ती करने का मौका देना है। लेकिन कोविड 19 के कारण इस वर्ष कार्निवाल व फ्लावर शो पर ग्रहण लग गया है। हालांकि कंपनी प्रबंधन का कहना है कि कोविड के बढ़ते फैलाव को देखते हुए राज्य सरकार ने सामूहिक आयोजन और भीड़ एकत्रित करने पर रोक लगाई हुई है जबकि कार्निवाल और सामूहिक आयोजन में हर दिन 5000 से अधिक लोग पहुंचते है।
कार्निवाल में ये कलाकार दे चुके हैं अपनी प्रस्तुति
अस्ताद देबू, जुबिन नॉटियाल, अंकिता चौधरी, कथक कलाकार सुदेश्ना मौलिक, पार्श्व गायक अरुण देव सहित रॉक स्टार की टीम।
फ्लावर शो का भी नहीं होगा आयोजन
टाटा स्टील और जुस्को हॉर्टिकल्चर सोसाइटी द्वारा हर साल बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में फ्लावर शो का भी आयोजन होता था। जो दिसंबर माह के 23 से 25 तारीख तक आयोजित होता था। लेकिन कोविड 19 के कारण इस आयोजन को भी रद कर दिया गया है। फ्लावर शो में भी देश के कोने-कोन से प्रकृति प्रेमी पहुंचते थे। साथ ही कई संस्थानों द्वारा स्टॉल लगाकर व तकनीकी जानकारी भी देते थे।