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Weekly News Roundup Jamshedpur : पीपिंग टॉम्स से परेशान मॉम्स, पढ़ि‍ए खेल की दुनिया की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup Jamshedpur. पीपिंग टॉम्स उसे कहते हैं जो छिपकर महिलाओं की ताक-झांक करते हैं। पिछले साल भी यही हाल था।

By Edited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 09:28 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : पीपिंग टॉम्स से परेशान मॉम्स, पढ़ि‍ए खेल की दुनिया की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : पीपिंग टॉम्स से परेशान मॉम्स, पढ़ि‍ए खेल की दुनिया की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। Weekly News Roundup Jamshedpur जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स स्थित स्विमिंग पूल में ट्रेनिंग करने वाली महिलाएं आजकल पीपिंग टॉम्स से परेशान हैं। पीपिंग टॉम्स उसे कहते हैं जो छिपकर महिलाओं की ताक-झांक करते हैं। पिछले साल भी यही हाल था।

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उस समय दैनिक जागरण ने ही इस मुद्दा को उठाया था, जिसके बाद खेल विभाग में आनन-फानन में उस क्षेत्र को पोस्टर लगा ढक दिया था। पोस्टर लगाए एक साल हो गए। अब वे पोस्टर फट चुके हैं। टाटा स्टील के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक उस रास्ते से दिन में हजारों बार गुजरते हैं। लेकिन, इस पर शायद किसी की नजर नहीं गई। तभी तो इस इलाके में आपको पीपिंग टॉम गाहे-बगाहे घूमते नजर आ जाएंगे। तरणताल के अंदर अभ्यास करने वाली महिलाएं इन पीपिंग टॉम्स को देख असहज हो जाती हैं। साहब तो साहब ठहरे, स्विमिंग पूल पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी इन पुरुषों को वहां से हटाने की हिमाकत तक नहीं करते।

मुक्केबाजी संघ का 'उत्तम' प्रबंध

खिलाड़ी मैदान पर एक अदद सम्मान के लिए पसीना बहाता है। लेकिन, जब सम्मान नसीब ना हो तो इसे सिस्टम की बदनसीबी ही कही जाएगी। हाल ही में नोवामुंडी में राज्य यूथ और सब जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। ¨रग पर खिलाड़ियों ने पसीना बहाया। मैच भी जीते, पर पदक नहीं मिले। पांच दिन बीत गए हैं। खिलाड़ियों का मूड खराब। दिल में कसक और आंखों में असंतोष की आग। यह स्थिति तब है जब संघ के अध्यक्ष सुरेश दत्त त्रिपाठी और सचिव उत्तम सिंह टाटा स्टील के वरीय अधिकारी हैं। साहब, चैंपियन स्थल पर आए और विजेता व उपविजेता की ट्रॉफी बांट दस मिनट में पतली गली से निकल पड़े। व्यक्तिगत चैंपियन के लिए पदक था ही नहीं, भला खिलाड़ियों को क्या मुंह दिखाते। और तो और चैंपियनशिप में 23 में सिर्फ दस जिलों ने भाग लिया। अब लोग बोल रहे हैं, यह है 'उत्तम' प्रबंध।

चेंजिंग रूम बंद करना मना है

जेआरडी टाटा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स के तरणताल में अभ्यास करने वाली महिलाएं आजकल एक अजीबोगरीब फरमान का सामना कर रही हैं। फरमान है, बिना बंद किए चेंजिंग रूम का उपयोग करना। हालांकि, यह फरमान लिखित नहीं है। लेकिन इस मौखिक फरमान ने महिलाओं को परेशान कर रखा है। पुरुष तो सीना तान आते हैं और तौलिया पहनकर ही निकल जाते हैं, कोई चड्डी पहन कर टहलने लगता है। जब इस मामले की छानबीन की गई तो पता चला, महिलाओं के पर्स चोरी हो जाती थी। चोरी रोकने के लिए ही चेंजिंग रूम को खुला रखने का मौखिक फरमान जारी किया गया। चेंजिंग रूम की खिड़की तक खुली रहती है। अब महिलाएं इसकी शिकायत बड़े साहब से इसलिए नहीं कर पा रही हैं कि कहीं उनके खिलाफ कार्रवाई का डंडा ना चल जाए। महिलाएं कहती हैं, किसी एक ने चोरी की तो इसकी सजा सभी महिलाओं को क्यों दी जा रही है।

मैनेज करने में महारत हासिल

जमशेदपुर स्पोर्टिंग एसोसिएशन (जेएसए) शहर में फुटबॉल लीग का आयोजन पिछले 80 साल से कराता आ रहा है। यह पूर्वी भारत का सबसे पुराना फुटबॉल लीग में से एक है। हाल ही में इसकी कार्यकारिणी का गठन किया गया। नवगठित कमेटी में कई ऐसे मनोनीत सदस्य हैं, जिन्हें दूर-दूर तक फुटबॉल से नाता नहीं रहा है। हां, यह जरूर है कि उन्हें मीडिया से लेकर प्रशासन को मैनेज करने का महारत हासिल है। यह वही तय करते हैं कि बिष्टुपुर थाना इंचार्ज को किस मैच में मुख्य अतिथि बनाना है तो साकची थाना प्रभारी को किस मैच में। अगर बड़ा मैच है तो डीएसपी साहब तो मुख्य अतिथि बनेंगे ही। अतिथि को आमंत्रित करने के मामले में जेएसए में इनके अलावा किसी की नहीं चलती। जमशेदपुर स्पोर्टिग एसोसिएशन उनकी प्रतिभा का कायल हैं। तभी तो हर बार बनने वाली कमेटी में उनका नाम होना पहले ही तय माना जाता है।


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