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Odisha Mines Auction: ओडिशा में टाटा स्टील और रुंगटा को मिली माइंस, अबतक 24 ब्लाक हो चुके नीलाम

Odisha Mines Auction टाटा ने 141 और रुंगटा ने 110 प्रतिशत अधिक बेस प्राइस बोली लगाकर माइंस अपने नाम की। एमएसपीएल आदित्य बिड़ला आर्सेलर मित्तल जेएसपीएल व वेदांता जैसी बड़ी कंपनियों को सबसे ऊंची बोली लगाकर हराया। ये रही डिटेल।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 12:15 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 12:15 PM (IST)
Odisha Mines Auction: ओडिशा में टाटा स्टील और रुंगटा को मिली माइंस, अबतक 24 ब्लाक हो चुके नीलाम
लीज अवधि समाप्त होने के बाद बंद खदानों में से 24 ब्लाक अब तक नीलाम हो चुके हैं।

जमशेदपुर/ चाइबासा, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील ने क्योंझर जिले में गंधलपाड़ा स्थित लौह अयस्क ब्लॉक को बेस प्राइस को 141.25 प्रतिशत अधिक बोली लगाकर हासिल कर लिया है। 2.41 वर्ग किलोमीटर (241.1 हेक्टेयर) क्षेत्र के खदान का जी-2 सर्वेक्षण में 60.48 प्रतिशत औसत के 314.37 मिलियन टन आयरन ओर है। ओडिशा के 24 ऐसी खदानें है जिनकी लीज की अवधि 31 मार्च 2020 को समाप्त हो चुकी है।

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ऐसे में सरकार की ओर से सभी खदानों की बीडिंग कराई गई। वहीं, रुंगटा माइंस ने भी ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के काेइड़ा खनन सर्किल के जमुका पथिरीपोशी पहाड़ लौह अयस्क ब्लॉक को अपने नाम किया। कंपनी ने बेस प्राइस से 110 प्रतिशत अधिक बोली लगाकर इस खदान को अपने नाम किया है। जिसका क्षेत्रफल 1.57 वर्ग किमी (158.509 हेक्टेयर) है। जीएस-2 के अन्वेषण के अनुसार 56.14 प्रतिशत के औसत ग्रेड के साथ इसमें 140.28 मिलियन टन का अनुमानित लौह अयस्क उपलब्ध है।

ऑनलाइन बोली में 13 कंपनियां हुई शामिल

सोमवार को खदानों की अंतिम नीलामी में 13 कंपनियां शामिल हुई। इसमें रुंगटा माइंस ने सबसे ज्यादा 86 प्रतिशत वित्तीय बोली जमा की। इसके बाद एमएसपीएल लिमिटेड ने 85.50 प्रतिशत, आदित्य बिड़ला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग ने 68.15 प्रतिशत, आर्सेलर मित्तल ने 65.15 प्रतिशत, जेएसपीएल ने 63 प्रतिशत, श्याम मेटालिक्स ने 63 फीसदी और वेदांता ने 60 प्रतिशत बोली की पेशकश की थी।

रूंगटा की पहली सफलता

रूंगटा की यह पहली सफल बोली है। ओडिशा में 31 मार्च 2020 को जिन खदानों की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है, उनमें से 24 खदानों की नीलामी अब तक सरकार ने करायी थी। उनमें से एक भी खनन ब्लॉक नीलामी के जरिये रूंगटा नहीं जीत पाया था। जुमका पथिरीपोशी पहाड़ खदान का क्षेत्रफल 1.57 वर्ग किमी (158.509 हेक्टेयर) है जिसमें अन्वेषण किया गया है। जीएस-2 के अन्वेषण के अनुसार 56.14 प्रतिशत के औसत ग्रेड के साथ 140.28 मिलियन टन का अनुमानित लौह अयस्क संसाधन मौजूद है। वहीं, चांदपोसी खदान को 113.1 प्रतिशत प्रीमियम पर अपने नाम किया है। चांदीपोसी खदान में 35.86 मिलियन टन लौह अयस्क भंडा रित है। इसका ग्रेड 55 प्रतिशत बताया गया है। इसके अलावा 11.2 मिलियन टन 55 फीसद से कम ग्रेड़ का है। इस खदान का औसत ग्रेड 58.81 से लेकर 47.61 है। इस खदान की नीलामी में कुल 11 कंपनियां शामिल हुई थी। इनमें जेएसपीएल, वेदांता, भूषण पावर, अमलगम स्टील, केजेएस आहलूवालिया, टीपी संस, रामगढ़ माइनिंग एंड मिनरल्स, एसजेएसपीएल, रूंगटा माइंस, बजरंग स्टील शामिल थीं। चांदीपोसी ब्लाक का क्षेत्रफल 131.580 हेक्टेयर है। रुंगटा कंपनी को मिली दोनो आयरन ओर ब्लॉक नये (वर्जिन) हैं। इससे पहले, टाटा स्टील ने क्योंझर जिले में गंधलपाड़ा लौह अयस्क ब्लॉक 141.25 प्रतिशत के उच्चतम प्रीमियम की पेशकश करके हासिल की थी। इस ग्रीन फील्ड लौह अयस्क खदान के तकनीकी दौर में भाग लेने वाली 13 कंपनियों में से टाटा स्टील ने 88.05 प्रतिशत के उच्चतम प्रीमियम की पेशकश की थी। खदान का क्षेत्रफल 2.41 वर्ग किमी है।


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