सफाई के नाम पर लाखों साफ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में गैर कंपनी इलाकों में नाले की सफाई से लेकर निर्माण तक
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में गैर कंपनी इलाकों में नाले की सफाई से लेकर निर्माण तक में अनियमितता बरती जाती है। इस वजह से ही हर साल सफाई होने के बाद भी शहर में जल भराव बड़े पैमाने पर होता है। इसके चलते शहर में हर साल जल जनित बीमारियां होती हैं। नगर निकाय नाले की सफाई का ठेका ठेकेदारों को देते हैं और ठेकेदार सफाई के लिए आई रकम हजम कर जाते हैं।
सबसे खराब हालत मानगो की है। हर साल जनता शोर मचाती है लेकिन, इसके बाद भी शहर का ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं होता। सफाई के नाम पर हर साल नगर निकाय 40 से 50 लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं। लेकिन, दरअसल नाले साफ ही नहीं होते। शहर का ड्रेनेज सिस्टम कई साल पुराना है। शहर के गैर कंपनी इलाके में ये ड्रेनेज सिस्टम बेतरतीब बना है। जमशेदपुर अक्षेस, मानगो अक्षेस और जुगसलाई नगर पालिका में नाली और नाले मोहल्ले का गंदा और बरसात का पानी बाहर निकालने के लिए नहीं बल्कि ठेकेदारों को काम देने के लिए बनाए जाते हैं। मानगो अक्षेस में हालात सबसे खराब हैं। यहां जो भी नाले बने हैं वो गुणवत्ता विहीन हैं। इस वजह से जाकिर नगर, सुभाष कॉलोनी, हड्डी गोदाम, दाईगुट्टू, शंकोसाई, जवाहर नगर, कुंवर बस्ती, आदि इलाके में जल भराव होता है। घरों में पानी घुस जाता है। यहां तैनात कतिपय इंजीनियर भी योजनाओं की निगरानी नहीं बल्कि कमीशन के बंदरबांट में ही लगे रहते हैं। इस वजह से नाले ढंग से नहीं बनाए जा रहे हैं।
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ज्यादातर नालों के ढाल उलटे
मानगो में बने ज्यादातर नालों के ढाल उलटे हैं। इंजीनियरों को भी अपने कमीशन से मतलब है। इस वजह से वो भी ये नहीं देखते कि नाला कैसा बन रहा है। जाकिर नगर में निर्मित नाले का ढाल उलटा होने से पानी मोहल्ले से बाहर नहीं निकल पाता। ये पानी नाले में ही रह जाता है और इलाके में बदबू फैलती रहती है।
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दाईगुट्टू नाले में इंजीनियर की भूमिका संदिग्ध
दाईगुट्टू नाला बह जाने की शिकायत नगर विकास विभाग से कर दी गई है। इस मामले में शिकायत है कि एक इंजीनियर की भूमिका संदिग्ध है। नगर विकास विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि अगर इस मामले की जांच हुई तो इंजीनियर का फंसना तय है।
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नालों के निर्माण में शिकायत मिली है। एक -दो नाले बह गए हैं। इनकी जांच होगी। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, विशेष अधिकारी मानगो अक्षेस