कम खर्च में ज्यादा मुनाफा, अब इजराइल की तर्ज पर खेती करेंगे यहां के किसान Jamshedpur News
इजराइल के किसान बाजार में मांग के अनुसार खेती करते हैं। इजराइल से लौटे पूर्वी सिंहभूम के किसान वहां की सिंचाई की व्यवस्था से प्रभावित हुए। ये अनुभव किए साझा।
जमशेदपुर, दिलीप कुमार। पूर्वी सिंहभूम जिले के किसान अब इजराइल की तर्ज पर खेती करेंगे। तकनीक आधारित खेती करने से किसानों को कम खर्च पर अधिक मुनाफा होगा। ये बातें एक्सपोजर विजिट के लिए इजरायल गए पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल की बडख़ुर्शी पंचायत अंतर्गत गिधिबील गांव के किसान राम प्रताप महतो और डुमरिया प्रखंड के जादूगोड़ा गांव के सुदाम चंद्र मुर्मू ने कही।
इजराइल से लौटने के बाद दैनिक जागरण से अनुभव साझा करते हुए दोनों किसानों ने बताया कि वहां की खेती का तकनीक उत्साहित करने वाला है। इजराइल में धान और गेंहू की खेती नहीं कर वहां के किसान फल और सब्जी की खेती बाजार में मांग के अनुसार करते हैं। जिससे उन्हें उत्पाद की सही कीमत मिलती है। वहां के किसान संयुक्त रूप से वृहद पैमाने पर खेती करते हैं। अगर इजरायल की तरह जिले के किसान भी तकनीक आधारित खेती करें तो क्षेत्र और किसानों के तस्वीर बदलते देर नहीं लगेगी। जिले में इजराइल की तर्ज पर खेती हो इसके लिए किसानों को तकनीक की जानकारी दी जाएगी। जिला कृषि विभाग किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए इजराइल से लौटे दोनों किसानों को मास्टर ट्रेनर बनाएगा।
इजराइल से सीखें पानी का उपयोग
एक्सपोजर विजिट के लिए झारखंड से इजरायल गए किसानों ने बताया कि पानी का कैसे और किस प्रकार उपयोग करना है यह इजराइल से सीखने की आवश्यकता है। वहां स्वच्छ पानी पहले मनुष्य इस्तेमाल करते हैं, इसके बाद उस पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जाता है। फसल की सिंचाई के लिए जमीन को नहीं भिंगाया जाता है। जरूरत के हिसाब से पौधे के तने पर ड्रिप इरिगेशन के तहत बूंद-बूंद पानी गिराया जाता है। इसी प्रकार खाद का भी प्रयोग किया जाता है। किसानों ने बताया कि हमारे देश की तरह वहां खुले आसमान के नीचे खेती नहीं की जाती बल्कि पॉली हाउस और नेट हाउस बनाकर खेती की जाती है।
किसानों को बदलनी होगी तकनीक
इजराइल में पानी खरीदकर खेती करने वाले किसान भी उन्नत तकनीक के कारण खुशहाल हैं। वहां पानी की काफी कमी है। ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगाने के लिए वहां की सरकार कोई छूट नहीं देती है। हमारे देश में किसानों को मुफ्त में पानी मिल रहा है और ड्रिप इरीगेशन लगाने के लिए सरकार 90 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है। फिर भी यहां के किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। स्थानीय किसान फसल उत्पादन के बाद बाजार खोजते हैं। यहां मार्केट के साथ प्रोसेसिंग की व्यवस्था नहीं है। फसल के उत्पादन पर कीमत तय होती है और सबसे बड़ी बात कि फसल की कीमत किसान नहीं बल्कि व्यापारी तय करते हैं। किसानों को मुनाफा कमाने के लिए सोसाइटी बनाने के साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा। इजराइल में मिट्टी नहीं बालू है। बालू में खेती करके वहां के लोगों ने अपने आप को समृद्ध किया है।
रोमांचकारी रहा हवाई सफर
पूर्वी सिंहभूम जिले से इजराइल जाने वाले किसान राम प्रताप महतो और सुदाम चंद्र मुर्मू ने पहली बार हवाई जहाज में सफर किया। हवाई जहाज से विदेश भेजकर नई तकनीक की जानकारी दिलवाने के लिए दोनों ने राज्य सरकार को साधुवाद दिया। दोनों किसानों ने बताया कि हवाई सफर काफी रोमांचकारी रहा।