पढ़ने की जरूरत नहीं, बस परीक्षा दीजिए ; यही हकीकत है झारखंड के इस विश्वविद्यालय की Jamshedpur News
Jharkhand Education. झारखंड के कोल्हान विश्वविद्यालय में बस परीक्षा लेने की होड़ मची हुई है। छात्र पढ़ रहे हैं या नहीं विश्वविद्यालय को इससे कोई मतलब नहीं है।
जमशेदपुर, जासं। कोल्हान विश्वविद्यालय में इन दिनों धड़ल्ले से विभिन्न सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम जारी किए जा रहे हैं। साथ ही दस दिनों के अंदर ही अगले सेमेस्टर का फार्म भरने की तिथि भी जारी कर दी जा रही है। आदेश निकालने से पूर्व इस बात का बिल्कुल ही ध्यान नहीं रखा जा रहा है कि कक्षाएं हो रही है या नहीं । बस परीक्षा लेने की होड़ मची हुई है।
छात्र पढ़ रहे हैं या नहीं विश्वविद्यालय को इससे कोई मतलब नहीं है। हाल ही में एमए सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम दस दिन पहले ही जारी किया, थर्ड सेमेस्टर में अभी छात्रों का एडमिशन भी नहीं हुआ है, परीक्षा फार्म भरने की तिथि घोषित हो गई है। परीक्षा फार्म भरने का कार्य 25 फरवरी से प्रारंभ हो गया है। यूजी सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा जून में हो जानी चाहिए थी, लेकिन फरवरी माह बीत गया अब तक इसकी परीक्षा नहीं हो पायी। इस कारण छात्रों में रोष व्याप्त है। कॉलेजों के प्रिंसिपल भी परेशान है। रिजल्ट जारी होते ही परीक्षा फार्म भरने की तिथि घोषित हो जाने से प्रिंसिपलों एवं शिक्षकों के समक्ष छात्रों की उपस्थिति प्रतिवेदन बनाने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। नियमों के अनुसार से परीक्षा फार्म भरने से पूर्व छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। कैसे यह उपस्थिति दिखाई जा रही होगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
एक क्लास कीजिए, बनेगी तीन दिन की हाजिरी
शिक्षकों की कमी का को-ऑपरेटिव कॉलेज के छात्र भुगत रहे हैं। यहां के यूजी पांचवें सेमेस्टर के विज्ञान के 20 छात्रों को कक्षाओं के अनुपस्थित दिखाकर उन्हें फार्म भरने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें फार्म भरने के लिए लेट फाइन भरने के साथ अभी चल रही कक्षाओं में उपस्थित होना होगा। यदि एक कक्षा करते हैं छात्रों को तीन दिन की हाजिरी शिक्षक बनायेंगे। सुधांशु कुमार, अमित सहित कई छात्रों का कहना है वे रोजाना कॉलेज आते थे, लेकिन कक्षाएं नहीं होती थी। अब इसका खामियाजा हमें भुगतना होगा। छात्रों ने बताया कि सेकेंड सेमेस्टर से लेकर फोर्थ सेमस्टर तक उनकी एक भी कक्षा नहीं हुई। तब तो उनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत दिखाकर हाजिरी बना दी गई। लेकिन अब ऐसा क्यों किया जा रहा है कि उन्हें समझ में नहीं है। मजबूरी में उन्हें विलंब शुल्क के साथ फार्म भरना होगा।
ये कहते जिम्मेदार
परीक्षा के उपरांत ही वर्ग प्रारंभ करने का निर्देश कुलपति ने दे दिया था। राष्ट्रीय स्तर पर सत्र नियमित होने से छात्रों का फायदा मिलेगा। इस कारण परीक्षाएं जल्द आयोजित हो रही है।