सरकार से नहीं मिला सहयोग, बंद करनी पड़ी एएसके केमिकल कंपनी
लौहनगरी में जर्मन कंपनी के सहयोग से संचालित पहली कंपनी एएसके केमिकल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बंद हो गई।
जासं, जमशेदपुर : लौहनगरी में जर्मन कंपनी के सहयोग से संचालित पहली कंपनी एएसके केमिकल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बंद हो गई। फाउंड्री व स्टील कंपनियों के लिए राइजर व स्लीव्स सहित कई तरह के उत्पाद बनाने वाली कंपनी प्रबंधन का कहना है कि झारखंड सरकार से सहयोग नहीं मिला, इसलिए कंपनी को बंद करना पड़ा।
मानगो के आजादनगर रोड नंबर 16 में संचालित एएसके केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के कानूनी सलाहकार जयंत शालीग्राम का कहना है कि 36 साल पहले जमशेदपुर कंपनी में जर्मन सहयोग से कंपनी स्थापित हुई। कंपनी वर्तमान में जो उत्पाद बनते हैं वह प्रतियोगी बाजार में हमसे सस्ती कीमत मिल रहे हैं। हम अपनी कंपनी को अपग्रेड करना चाहते थे लेकिन आसपास आवासीय क्षेत्र होने के कारण सरकार से अनुमति नहीं मिली। हमारा उत्पादन लागत लगातार बढ़ता जा रहा था जिसके कारण कंपनी पिछले पांच वर्षों से घाटे में चल रही थी। ऐसे में कंपनी अपना प्रोडक्शन बंद कर रही है। अब हम शहर में गोदाम बनाकर पुणे से अपना माल लाकर स्थानीय कंपनियों को सप्लाई करेंगे। एएसके केमिकल्स के पुणे में दो और विजाग में एक कंपनी संचालित है।
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एक दिन के नोटिस में कंपनी बंद
एएसके केमिकल्स में कुल 24 स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी के 29 नवंबर की आधी रात को नोटिस लगा दिया कि 30 नवंबर से कंपनी को बंद किया जा रहा है। ऐसे में प्रबंधन ने 18 कर्मचारियों को कार्य से मुक्त कर उनका फाइनल सेटलमेंट कर दिया है। जबकि छह कर्मचारी कुछ दिनों के लिए कार्यरत रहेंगे।
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कंपनी प्रबंधन के अनुसार ये भी है बंद करने की वजह
-कंपनी को नियमित बिजली नहीं मिलना। मशीन संचालन के लिए 600 केवीए का डीजी सेट रखा है लेकिन डीजल की कीमत बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ गया।
-आजादनगर क्षेत्र में 24 घंटे नो इंट्री रहती है जिसके कारण माल की आवाजाही में परेशानी।
-कंपनी के आसपास अब घनी आबादी। सेफ्टी व प्रदूषण विभाग से भी विस्तारीकरण के लिए नहीं मिली अनुमति
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इन कंपनियों को किया जाता था माल सप्लाई
टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जय बालाजी इंडस्ट्रीज, रश्मि मेटालिक्स सहित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की अन्य कंपनियां।
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तकनीकी पक्ष :
50 मैनपावर क्षमता पर एएसके कैमिकल्न ने 10 साल के लिए फैक्ट्री लाइसेंस लिया हुआ है। कंपनी यदि रातो-रात बंद करती है तो इंडस्ट्रियल डिस्प्युट एक्ट के तहत कंपनी को अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों को एक माह का नोटिस अवधि का वेतन, फाइनल सेटलमेंट सहित पीएफ व ग्रेच्युटी देना अनिवार्य है। कंपनी प्रबंधन को इस संबंध में नोटिस भेजकर पूरी जानकारी ली जाएगी।
-विनीत कुमार, कारखाना निरीक्षक, जमशेदपुर
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नई नियमावली के तहत 50 से 100 कर्मचारियों वाले सूक्ष्य एवं लघु उद्योग को प्रबंधन तत्काल बंद कर सकती है। लेकिन इसकी सूचना श्रम विभाग को देना अनिवार्य है। यदि कर्मचारी शिकायत करें कि उन्हें फाइनल सेटलमेंट नहीं मिला है तभी श्रम विभाग प्रबंधन के नोटिस भेजकर पूरे मामले में जवाब मांगेगी।
-राजेश प्रसाद, उप श्रमायुक्त, जमशेदपुर
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कंपनी अपना तीन साल का बैलेंस शीट सरकार को जमा कर अपना जमशेदपुर प्लांट बंद करने की जानकारी दे चुकी है। पुणे स्थित मुख्यालय से सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने और सभी कर्मचारियों को पूरा बकाया देने के बाद ही कंपनी को बंद किया जा रहा है।
-जयंत शालीग्राम, कानूनी सलाहकार, एएसके कैमिकल्स।
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ठेका कर्मचारियों के सामने नई नौकरी खोजने की परेशानी
एएसके केमिकल्स में 24 ठेका कर्मचारी भी कार्यरत थे। इनके समक्ष सबसे बड़ी परेशानी है कि ये 14 साल से अधिक समय से कंपनी में मैकेनिकल मैकेनिक के रूप में काम किया। अब कोविड 19 के दौर में नई जगह पर काम खोजने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।