दुर्गा पूजा को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं, असमंजस में पूजा कमेटियां
Durga Puja 2020. दुर्गा पूजा की तैयारियों को लेकर सरकार या जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है। इससे दुर्गा पूजा कमेटियों में असमंजस की स्थिति है।
सरायकेला, जासं। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इधर अनलॉक को लेकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार गाइडलाइंस जारी किए जा रहे हैं। लेकिन दुर्गा पूजा की तैयारियों को लेकर सरकार या जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है। जिससे जिले की दुर्गा पूजा कमेटियों और आयोजकों में असमंजस की स्थिति बरकरार है।
दुर्गा पूजा में अब एक महीना बचा है। इधर कोरोना संक्रमण काल में राज्य सरकार द्वारा सभी राष्ट्रीय पर्व त्योहारों को लेकर संबंधित आदेश और गाइडलाइन जारी किए गए हैं। लेकिन दुर्गा पूजा से संबंधित कोई स्पष्ट आदेश अब तक जारी नहीं हो सका है। जिले में कई ऐसी बड़ी पूजा कमेटियां हैं जो कई दिनों पहले से ही पूजा की तैयारी शुरू कर देती हैं। लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को लेकर पूजा कमेटी सरकार और जिला प्रशासन के आदेश की ओर टकटकी लगाए बैठी है।
सरकार से नहीं प्राप्त है कोई गाइडलाइन : उपायुक्त
सरायकेला -खरसावां जिले में दुर्गा पूजा आयोजन से संबंधित अनुमति प्रदान किए जाने के मुद्दे पर जिले के उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने बताया कि अब तक सरकार द्वारा कोई स्पष्ट आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। डीसी ने बताया कि 10 सितंबर को राज्य के मुख्य सचिव के साथ कोरोना संबंधित कार्य निष्पादन को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग आयोजित हुई थी लेकिन मुख्य सचिव द्वारा दुर्गा पूजा से संबंधित कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। नतीजतन जिला प्रशासन सरकार के आदेश के इंतजार में है। डीसी ने बताया कि कोरोना काल में सरकार द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में ही जिले में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा सकेगा।
आदित्यपुर में पंडाल निर्माण कार्य शुरू
आदित्यपुर के प्रसिद्ध जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब द्वारा दुर्गा पूजा के मद्देनजर भूमिपूजन कर पंडाल निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। कमेटी के संरक्षक पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने बताया है कि सरकार द्वारा जारी कोरोना संबंधित नियमों के तहत पूजा का आयोजन किया जाएगा। वही आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र समेत जिले के अन्य कई स्थानों पर भी व्यापक स्तर पर पूजा आयोजित की जाती है। ऐसे में आयोजक उहापोह की स्थिति में है।