Live Coronavirus Jamshedpur : जमशेदपुर के कंटेनमेंट जोन से मिले नौ कोरोना पॉजिटिव, जाने ताजा हाल
Coronavirus Jamshedpur News. जमशेदपुर के कदमा कंटेनमेंट जोन से नौ कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये सभी लोग एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे।
जमशेदपुर, जासं। Coronavirus Jamshedpur News जमशेदपुर के कदमा कंटेनमेंट जोन से नौ कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये सभी लोग एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इसमें दो परिवार के तीन-तीन व तीन परिवार से एक-एक मरीज शामिल है।
वहीं, एक डिमना रोड के शंकोसाई, एक मानगो, एक बारीडीह, एक पोटका व एक परसुडीह के रहने वाले हैं। इसमें तीन का दिल्ली व यूएसए का ट्रेवल हिस्ट्री है। बाकी दूसरे मरीजों के संपर्क में आए थे। मानगो व शंकोसाई को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 14 कोरोना मरीज मिले। पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 395 पहुंच गई है।
315 संदिग्धों की जांच
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में मंगलवार को कुल 315 संदिग्धों की जांच हुई। पूर्वी सिंहभूम जिले में आठ व सरायकेला में 21 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए। वहीं, टीएमएच के लैब में कुल छह कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इधर, जिले से कुल 360 संदिग्धों का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया। अबतक 22627 संदिग्धों का नमूना लिया जा चुका है। इसमें 21145 का रिपोर्ट आ चुका है। बाकी की जांच प्रक्रिया में है। इसके साथ ही चार मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।
चार स्थानों से हटा कंटेनमेंट जोन
जिला प्रशासन ने मंगलवार को शहर के कई स्थानों से कंटेनमेंट जोन हटा दिया। इसमें गोलमुरी क्षेत्र के सिंधु रोड, बिरसानगर के जोन-1, बागबेड़ा के प्रधान टोला स्थित आदर्श सोसाइटी और छोटागोविंदपुर का कैलाश नगर शामिल है। इन सभी क्षेत्र को 15 जून को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था।
टाटा मोटर्स अस्पताल में सभी मरीज ठीक हुए
टाटा मोटर्स अस्पताल में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर सौ फीसद है। इस अस्पताल में अब तक 31 पॉजिटिव कोरोना मरीज इलाज के लिए आये हैं जिनमें 21 ठीक होकर जा चुके हैं जबकि 10 इलाजरत हैं। यह जानकारी हॉस्पिटल के हेड डॉ संजय कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि दो मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। इनमें एक 67 वर्षीय मरीज मधुमेह के पीड़ित थे। इन दो के अलावा एक मरीज को एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ी। अधिकांश ठीक होने वाले मरीजों के उम्र 18 से 30 वर्ष की थी। उन्होंने कहा कि अधिकांश मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण थे जबकि कुछ को आंशिक लक्षण थे।