पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की रिश्तेदार से लूट मामले में नया मोड़, एफआइआर से पलटी निशा Jamshedpur News
जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की रिश्तेदार के अपहरण और लूट के मामले में नया मोड़ आ गया है। निशा कोड़ा ने कोर्ट में कहा कि किसने अपहरण किया था नहीं पता।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 02:01 PM (IST)
जमशेदपुर, जासं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की रिश्तेदार सोनारी निर्मलनगर सदगुरु टावर निवासी विजय लक्ष्मी कोड़ा उर्फ निशा कोड़ा के अपहरण और 25 लाख रुपये लूट मामले में शुक्रवार को न्यायालय में गवाही हुई। वह दर्ज प्राथमिकी से पलट गई। कहा पुलिस की ओर से जो प्राथमिकी न्यायालय में दी गई है वह उसने नहीं दी है। लिखावट भी उसकी नहीं है। पुलिस ने सादे कागजात पर उससे हस्ताक्षर ले लिया था। उसने किसी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई थी। उसका किसने अपहरण किया था। नाम-पता नहीं मालूम।
गौरतलब हैं कि 24 जुलाई 2019 को निशा कोड़ा ने सोनार थाना में स्कोडा कार, पांच लाख रुपये नकद और 11 लाख रुपये सोने के जेवरात लूटने वाले बदमाशों के खिलाफ सोनारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें घटना को अंजाम देने वाले ताजदार आलम और चार अन्य नकाबपोश बदमाशों को निशा कोड़ा के अपहरण की कोशिश करने और मारपीट कर लूटपाट करने का आरोपित बनाया गया था।
निशा व ताजदार आलम की दो साल से थी दोस्ती
घटना के कथित मास्टर माइंड एसएम ताजदार आलम ने सिटी एसपी के सामने सरेंडर कर दिया था। ताजदार आलम जमशेदपुर के आजादनगर थाना क्षेत्र के चेपा पुल स्थित वाटिका ग्रीन वैली का रहने वाला है। निशा से ताजदार की तकरीबन दो साल से दोस्ती थी। वो निशा के घर आता-जाता था। पुलिस को बताया कि निशा सरायकेला के कपाली के करीब डोबो गांव में जमीन खरीदना चाहती थी। ताजदार ने उससे कहा कि जमीन पसंद आ गई तो विक्रेता को कम से कम पांच लाख रुपये एडवांस देने होंगे। इस पर वो ताजदार के साथ बिष्टुपुर गई और एसबीआइ से लगभग डेढ़ लाख रुपये निकाले थे।
अदालत में आरोपितों को पहचानने से किया इंकार
शुक्रवार को अपहरण और लूट मामले में जेल में बंद सभी आरोपितों की अदालत में पेशी हुई। उन सभी को पहचानने से निशा कोड़ा ने इंकार कर दिया। शिकायतकर्ता के द्वारा ही इस मामले में आरोपितों को पहचान से इंकार मामले में नया मोड़ आ गया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चार राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय में पुलिस ने ताजदार आलम के आलावा चौड़ा राजू, मोनू, विजय तिर्की, क्यामुउद्दीन अंसारी, मो. कादिर, मोमिन और सरफराज को आरोपी बनाया था। पुलिस ने ताजदार आलम, कादिर समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
खुद को नक्सली बताया था आरोपितों ने
निशा कोड़ा के अनुसार घटना के दिन जैसे ही वो सोनारी के दोमुहानी स्थित नए ब्रिज के उस पार पहुंची सड़क पर चार नकाबपोश बदमाशों ने हाथ दिया। इस पर ताजदार ने गाड़ी रोक दी। सभी नकाबपोश गाड़ी में सवार हो गए। बदमशों ने निशा के मन में दहशत पैदा करने के लिए खुद को नक्सली बताया। एक बदमाश खुद गाड़ी चलाने लगा। ताजदार और चारों बदमाशों ने निशा के पास मौजूद पांच लाख रुपये और छगनलाल के घर से खरीदे गए सात लाख रुपये के सोने के जेवर लूट लिए। चार लाख रुपये कीमत का जेवर निशा पहने थी। इसे भी ताजदार व बदमाशों ने लूट लिया। गहने में हाथ के चार कंगन, हार, कान के झुमके, मंगलसूत्र आदि थे। फिर, बदमाशों ने निशा को डरा कर उससे फ्लैट की चाबी ले ली और ताजदार से वहां जाकर घर में मौजूद नकदी, गहना व अन्य कीमती सामान समेट कर आने को कहा। ताजदार फ्लैट पर आया लेकिन, उसका ताला उससे नहीं खुल पाया। इसलिए, निशा के फ्लैट से ये लोग कुछ नहीं लूट सके। निशा ने पुलिस को बताया था कि इसके बाद वो उसे गाड़ी पर कपाली ले गए। रास्ते में कपाली थाने की गाड़ी दिखी तो वो कूद गई और रात तकरीबन आठ बजे सोनारी थाने पहुंच कर मामले की शिकायत की थी।
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