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हाकिम तो बदला पर हुक्म नहीं, डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर में प्रमोशन मामले में नया पेंच Jamshedpur News

कोल्हान विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार तो बदल दिया गया पर हुक्म नहीं बदला। डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर मामले में पूर्व रजिस्ट्रार डा. एसएन सिंह ने जो आदेश पारित किया था वह नए रजिस्ट्रार प्रोफेसर जयंत शेखर ने बरकरार रखा है। सिंडिकेट की बैठक में जिन डेमोनस्ट्रेटर का कोई जांच लंबित...

By Vikram GiriEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 02:23 PM (IST)
हाकिम तो बदला पर हुक्म नहीं, डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर में प्रमोशन मामले में नया पेंच Jamshedpur News
डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर में प्रमोशन मामले में नया पेंच। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । कोल्हान विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार तो बदल दिया गया, पर हुक्म नहीं बदला। डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर मामले में पूर्व रजिस्ट्रार डा. एसएन सिंह ने जो आदेश पारित किया था, वह नए रजिस्ट्रार प्रोफेसर जयंत शेखर ने बरकरार रखा है। सिंडिकेट की बैठक में जिन डेमोनस्ट्रेटर का कोई जांच लंबित नहीं है और उनकी अनुशंसा जेपीएससी कर चुकी है उन्हें लेक्चरर के पद पर प्रमोशन देने का निर्णय लिया गया था। बताया जा रहा है कि सिंडिकेट के इस निर्णय से 11 डेमोनस्ट्रेटर अब लेक्चरर बनेंगे।

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अन्य पर निर्णय आपत्तियों के निराकरण के बाद होगा। मालूम हो कि यह मामला वर्ष 2018 से रुका हुआ था। वर्ष 2018 में जेपीएससी ने 16 डेमोनस्ट्रेटर को लेक्चरर के पद पर प्रमोशन देने की अनुशंसा कोल्हान विश्वविद्यालय से की थी। सिंडिकेट के निर्णय के बाद अब लेक्चरर में प्रमोशन के हकदार डेमोनस्ट्रेट को शपथ पत्र भरकर देना होगा कि वे पीजी की पढ़ाई कालेज में कार्य करते हुए या नहीं करते हुए पूरी की। इस मामले में विश्वविद्यालय ने एक नया पेंच फंसा हुआ है।

एक और मामला जा सकता है हाइकोर्ट

डेमोनस्ट्रेटर से लेक्चरर में प्रमोशन की बांट जोह रहे शिक्षक अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। दरअसल जेपीएससी से पूर्व में अनुशंसित सात डेमोनस्ट्रेटर का प्रमोशन बिना किसी शपथ पत्र के हो चुका है। वर्तमान में अनुशंसित डेमोनस्ट्रेटर भी इसी आधार पर प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में अनुशंसित डेमोनस्ट्रेटर का स्थायीकरण 01-08-93 से हुआ है, यानि जो भी पावनाएं तथा सरकारी नियम-कानून है उसके बाद से लागू होना चाहिए। इससे पूर्व किसने कैसे पढ़ाई की इसका शपथ पत्र दायर करने का कोई मतलब भी नहीं है। प्रमोशन की बांट जोह रहे शिक्षकों का कहना है कि अब बहुत हो गया। विश्वविद्यालय के खुलने के एक सप्ताह के अंदर उन्हें प्रमोशन नहीं मिला तो वे अपने अधिकार के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।


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