इसरो के पूर्व चेयरमैन कस्तूरीरंगन बोले, देश मेंं अगले सत्र से प्रभावी होगी नई शिक्षा नीति Jamshedpur News
ISRO. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के कस्तूरीरंगन ने कहा कि पूरे देश मे एक तरह की शिक्षा व्यवस्था रहेगी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। ISRO इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के कस्तूरीरंगन ने कहा कि पूरे देश मे एक तरह की शिक्षा व्यवस्था रहेगी। शनिवार को वे जुस्को स्कूल कदमा के कूदी सभागार में आयोजित नेशनल एजूकेशन पॉलिसी पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। टाटा एजूकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम के तहत यह आयोजन किया गया। इसमें पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए डॉ कस्तूरीरंगन ने नई शिक्षा नीति पर कई उपयोगी जानकारियां दीं। इस आयोजन में शहर के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल व प्रबन्ध कमेटी सदस्य उपस्थित थे। डा कस्तूरीरंगन नई शिक्षा नीति के लिए गठित कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
कस्तूरीरंगन ने अपनी नई शिक्षा नीति स्कूलों की वर्तमान मूलभूत सुविधा, फीस में बढ़ोतरी, बच्चों के समग्र विकास, उन पर पडऩे वाले पढ़ाई के बोझ सहित विभिन्न विषयों पर अपने सुझाव केंद्र सरकार को ड्राफ्ट के रूप में सौप दिया है। उन्होंने बच्चों की शिक्षा को मुख्यत: चार श्रेणियों में रेखांकित किया है। वहीं, नई शिक्षा नीति के तहत अब शिक्षकों को भी ज्यादा क्रिएटिव होने की सलाह दी है ताकि वे विभिन्न विषयों पर बच्चों को गहराई से जानकारी दे सके। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों के लिए नियमित पढ़ाई की भी व्यवस्था पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम बच्चों के पीठ से बस्ते का बोझ और दिमाग से पढ़ाई का दबाव कम करना चाहते है। साथ ही नई शिक्षा नीति को ऐसा बनाना चाहते हैं ताकि बच्चे वैश्विक स्तर पर मिलने वाली प्रतियोगिता से बेहतर तरीके से सामना कर सके। उनके लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुले। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में पांच करोड़ लोग अशिक्षित हैं यदि इस नीति को जल्द प्रभावी नहीं किया तो यह आंकड़ा बढ़ कर 10 करोड़ तक पहुंच जाएगा। उनका नई शिक्षा नीति के तहत समाज के प्रबृद्धजन, कॉरपोरेट घराने, ट्रस्ट, इंस्टीट्यूशन संस्थान, सभी से सहयोग की कामना की है।