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लापता समाजसेवी की तलाश में जुटी एनडीआरएफ

शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी बजरंग लाल भरतिया की तलाश में रविवार को एनडीआरएफ की टीम जुट गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 02:10 PM (IST)
लापता समाजसेवी की तलाश में जुटी एनडीआरएफ
लापता समाजसेवी की तलाश में जुटी एनडीआरएफ

जेएनएन,जमशेदपुर : शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी बजरंग लाल भरतिया की तलाश में रविवार को नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ ) जुट गई है। जुगसलाई चौक बाजार निवासी भरतिया कपड़ा व्यवसायी भी हैं। उनकी तलाश एनडीआरएफ की अलग-अलग टीम खरकई और स्वर्णरेखा नदी में कर रही है। हालांकि, अबतक कोई सफलता नहीं मिल पायी हैं। 13 सदस्यीय टीम बिष्टुपुर के खरकई, सोनारी के दोमुहानी और मानगो स्वर्णरेखा में एक साथ लगी हुई हैं। भरतिया गुरुवार शाम से जुगसलाई शिवघाट से लापता हैं। शिवघाट के खरकई नदी तट से उनका चप्पल और कुछ दूरी पर स्कूटी पुलिस ने बरामद किया था। ऐसी आशका जताई जा रही कि उन्होंने नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली या किसी ने रंजिश में नदी में डुबो दिया हो। उनकी तलाश को पुलिस-प्रशासन पर मारवाड़ी समाज और राजनीतिक दलों का दबाव है।

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शुक्रवार को फैली खबर: बजरंग लाल भरतिया के लापता होने की खबर शुक्रवार सुबह इलाके में फैली। व्यवसायी वर्ग और परिचितों की भीड़ उनके घर पर लगने लगी। प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, सिटी एसपी प्रभात कुमार समेत कई व्यवसायी शिवघाट खरकई नदी तट पर पहुंचे। जहा व्यवसायी की चप्पल मिलने पर नदी में कूदकर जान देने या फिर किसी के द्वारा नदी में डूबो देने की आशका में जुस्को के दो और सोनारी से छह गोताखोरों को नदी में तलाश में उतारा गया था, लेकिन नदी में पानी बढ़ने और उसके तेज बहाव के कारण कोई सुराग नहीं मिल पाया। जुगसलाई से लेकर दोमुहानी तक व्यवसायी की तलाश देर शाम तक पुलिस करती रही।

महाकालेश्वर मंदिर में बिताते थे अधिक समय: बजरंग लाल भरतिया के पुत्र कमल भरतिया ने बताया कि उनके पिता ने महाकालेश्वर मंदिर में कुछ दिन पहले पार्क का निर्माण कराया था। अधिक समय वे मंदिर में ही बिताते थे। वह खुदकशी नहीं कर सकते। गुरुवार शाम साढ़े चार बजे पिता चौक बाजार आवास से हर दिन की तरह स्कूटी लेकर निकले थे। रात साढ़े नौ बजे तक जब नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू की गई। शिवघाट पर गए। वहा घाट के कर्मचारी से पिता के संबंध में पूछताछ की। कर्मचारी ने पिता के आने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि वे स्कूटी से लौट भी गए। देर रात कर्मचारी ने बताया कि घाट से कुछ दूरी पर स्कूटी पाई गई तब वे पुलिस के साथ पहुंचे। पूरे मामले से अवगत हुए। जुगसलाई थाना में व्यवसायी के पुत्र ने पिता के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। बजरंग लाल भरतिया मारवाड़ी समाज के कई संगठन से भी जुड़े हुए हैं।

कही जा रही तनाव की बात:पुलिस को भले ही परिवार वाले बजरंग लाल भरतिया के लापता होने के कारण नहीं बता रहे हो,लेकिन पुलिस को पास-पड़ोस और समाज के लोगों से जानकारी मिली कि बजरंग लाल भरतिया मानसिक तनाव में रहते थे। बीते पाच दिनों से घर में विवाद चल रहा था जिससे दुखी थे। गुरुवार को शिवघाट से परिचितों को यह कहते हुए निकले कि घर की ओर जा रहे हैं, लेकिन रास्ते से ही फिर शिवघाट की ओर लौट गए। उन्हें वापस भेजा गया तो जवाब में बजरंग लाल भरतिया ने कहा कि आप लोग जाएं कुछ काम है।

असामाजिक तत्वों का लगता जमावड़ा:दूसरी चर्चा यह है कि शिवघाट के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है। मंदिर का कभी तार काट लिया जाता है तो कभी नुकसान पहुंचाया जाता है। इसका विरोध बजरंग लाल भरतिया करते थे। कहीं इसी विरोध के कारण किसी ने उन्हें नदी में डूबो तो नहीं दिया। जुगसलाई इंस्पेक्टर करुणानंद राम की माने तो जब तक व्यवसायी के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल जाती, कुछ भी बोलना मुश्किल है।

इन संगठन से जुड़े बजरंग लाल भरतिया:बजरंग लाल भरतिया जुगसलाई शिव घाट समिति, राजस्थान सेवा सदन अस्पताल, राजस्थान सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय, राजस्थान होम्योपैथी क्लीनिक, श्री टाटानगर गोशाला, राममनोहर लोहिया सेवा संस्थान और रेडक्रास सोसाइटी से जुड़े हैं।


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