स्कूलों के शुल्क में अंतर पर एनसीपीसीआर सख्त
कंपनी स्कूलों में कर्मचारीपुत्रों और गैर कर्मीपुत्रों के बच्चों से
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कंपनी स्कूलों में कर्मचारीपुत्रों और गैर कर्मीपुत्रों के बच्चों से अलग-अलग फीस लेने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने संज्ञान लिया है। भाजपा के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद द्वारा आयोग में दायर याचिका के आलोक में एनसीपीसीआर ने जिला प्रशासन से जांच कर 20 दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। ज्ञातव्य हो की जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों में कर्मचारीपुत्र व गैर कर्मचारी पुत्रों के साथ भेदभाव किया जाता है। टीआरएफ, टाटा मोटर्स, जुस्को, टाटा स्टील के स्थायी कर्मियों और अफसर ग्रेड के अधिकारियों के बच्चों से प्राइवेट स्कूलों में नॉन-एम्प्लोयी अभिभावकों के बच्चों की तुलना में लगभग 150 से 500 रुपये तक कम फीस लिए जाते हैं। इस बाबत स्कूल प्रबंधनों द्वारा बच्चों को अलग-अलग किस्म की फीस बुक भी थमाई जाती है। इसी मामले को भेदभावपूर्ण और दोहरी व्यवस्था करार देते हुए भाजपा प्रवक्ता अंकित आनंद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का सरेआम उल्लंघन बताकर एनसीपीसीआर से कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि कंपनी के मजदूर, बाई-सिक्स, टीएमएसटी एवं नॉन-एम्प्लोयी के बच्चों से 150 से 500 रुपये तक ज्यादा स्कूल फीस वसूले जा रहे हैं।