कुकडू हाट की घटना के बाद सारंडा की ओर भागे नक्सली Jamshedpur News
कुकड़ू साप्ताहिक हाट में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या पांच हथियार और सैंकड़ों कारतूस लूटने के बाद नक्सली दस्ता पश्चिम बंगाल की ओर नहीं बल्कि सारंडा जंगल की ओर भागा था।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। सरायकेला-खरसावां जिला के कुकड़ू साप्ताहिक हाट में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या, पांच हथियार और सैंकड़ों कारतूस लूटने के बाद नक्सली दस्ता पश्चिम बंगाल की ओर नहीं बल्कि सारंडा जंगल की ओर भागा था।
सूत्रों की माने तो घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली माओवाद का नारा लगाते हुए कुकड़ू गांव की ओर गए थे। बाइक पर सवार नक्सली डेरे गांव होते हुए कारकीडीह में स्वर्णरेखा नदी पुल पार कर पुरानडीह गए। यहां से आतारगांव, लेपटांड होते हुए नदीसाही पहुंचे, यहां करकरी नदी के बाद एनएच 33 पार कर रांची जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के विजयगिरी पहुंचे। यहां से नक्सलियों का दस्ता सारंड़ा जंगल की ओर निकल गया। हालांकि कयास लगाए जा रहे थे नक्सली घटना के बाद सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के अयोध्या पहाड़ की ओर भागे होंगे। घटना को किसने अंजाम दिया और हथियार लूटकर नक्सली किस ओर भागे हैं, इस सवाल पर पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है और उचित दिशा में सभी पहलुओं पर जांच चलने की बात कह रही है।
बता दे कि कुकड़ू साप्ताहिक हाट में 14 जून की शाम करीब चार बजे नक्सलियों ने पाच पुलिसकर्मियों का गला रेतने के बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। साथ ही पुलिसकर्मियों के हथियार लूट लिए थे। बाइक पर करीब 20-22 नक्सली साप्ताहिकहाट पहुंचे थे। गश्त के दौरान तिरुलडीह थाना की पुलिस टीम हाट पहुंचने के बाद जैसे ही गाड़ी से उतरी, नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया था।
घटना की जांच सीआइडी को दिए जाने की संभावना
कुकड़ू साप्ताहिक हाट में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की रिपोर्ट गृह विभाग ने मांगी थी। संभावना व्यक्त की जा रही कि मामले की जांच सीआइडी (अपराध अनुसंधान विभाग) को सौंपी जाएगी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के आइजी भी गृह विभाग से ऐसा आग्रह कर चुके हैं। वहीं विभाग ने डीजीपी से सीआइडी जाच को सुझाव मागा है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों की गतिविधियों को लेकर खुफिया विभाग ने एक महीने पहले जिला पुलिस को अलर्ट किया था। विभाग ने नक्सलियों के पुलिस को निशाना बनाने और हथियार लूटने की आशंका जताई थी। तिरुलडीह क्षेत्र में नक्सली दस्ता घटना के पहले 15 दिनों से लगातार घूम रहा था। इधर घटना केबाद सरकार ने 19 जून को सरायकेला के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा को हटा कर, उनकी जगह कार्तिक एस को पदस्थापित किया।
अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे दहशतजदा ग्रामीण
दिन के उजाले में भरे बाजार में नक्सलियों की खौफनाक घटना के बाद से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में है। घटना के एक सप्ताह बाद भी दहशतजदा ग्रामीण अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे है। जिसका प्रमाण शुक्रवार को लगे कुकड़ू साप्ताहिक हाट में भी देखने को मिला। हालांकि तिरुलडीह थाना में झारखंड जगुआर के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं। पुलिस जवान लगातार गश्त कर लोगों को सुरक्षा का अहसास करा अभियान चला रहे हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप