Naxal attack : जिला मुख्यालय में धूल फांकती रही खुफिया रिपोर्ट, हो गई बड़ी वारदात
सरायकेला-खरसावां जिले के तिरूलडीह में नक्सली हमले ने पुलिसिया कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। खुफिया रिपोर्ट की अनदेखी हलकान करनेवाली है।
जमशेदपुर/सरायकेला, प्रमोद सिंह। खुफिया पुलिस की रिपोर्ट सरायकेला-खरसावां जिला मुख्यालय में धूल फांकती रही, उसे न तो किसी ने देखा, न ही अमल हुआ। अगर उस रिपोर्ट को किसी अधिकारी ने गंभीरता से लिया होता तो तिरुलडीह में जवान शहीद नहीं होते। दरअसल, खुफिया रिपोर्ट में नक्सलियों के कई बड़े नेता के कुचाई और चौका इलाके में कैंप करने की बात कही गई थी। इनमें एक करोड़ के इनामी नक्सली के अलावा पोलित ब्यूरो के सदस्यों के भी यहां होने की सू्चना थी। साथ ही बड़ी वारदात की आशंका जताई गई थी, लेकिन जिला पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि जिला पुलिस हार्डकोर नक्सली महाराज प्रमाणिक दस्ते के सक्रिय होने की बात मानती है।
पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में
एक ही थाना क्षेत्र में एक के बाद एक नक्सली घटना होने के कारण पुलिस की कार्यशैली सवालों के कठघरे में है। बैठक में पुलिस ने नक्सलियों को जड़ से खत्म करने की बात कही थी, लेकिन एक सप्ताह के भीतर घटना को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे डाली थी।
जिले में नक्सली मूवमेंट की थी पक्की सूचना
जिले में नक्सलियों की धमक बढ़ गई है। ऐसे में नक्सलियों पर दबिश बनाने के लिए जोर-शोर से ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सरायकेला- खरसावां जिले में बड़ी वारदात को अंजाम देकर कुख्यात नक्सली एक बार फिर अपनी धमक दिखाने की फिराक में हैं। रांची और सरायकेला-खरसावां की सीमा पर घने जंगल में इन दिनों नक्सलियों के मूवमेंट की खबरें लगातार मिल रही हैं। यही वजह है कि इस इलाके में सरायकेला- खरसावां पुलिस की ओर से लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है और नक्सलियों पर दबिश बनाने की कोशिश हो रही है।
ये कहते उपायुक्त
जिले में बढ़ती नक्सली घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है। तिरुलडीह में हुई घटना काफी दुखद है। शहीद हुए जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
-छवि रंजन, उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां।
नक्सली हमले के बाद सभी थाने अलर्ट
सरायकेला-खरसावां जिला के तिरुलडीह में हुए नक्सली हमले के बाद घोर नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए जिले के नक्सल इलाके में अलर्ट घोषित किया गया है। रेड जोन इलाके में लांग रेंज पेट्रोलिंग (एलपीआर) जहां बढ़ा दी गई है। वहीं, सीमांचल इलाके में ओडिशा पुलिस के साथ मिलकर नक्सल इलाकों में निगरानी की जा रही है। पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा ने बताया कि सरायकेला जिले में हुए नक्सली हमले में पांच पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। इस घटना के बाद हम लोगों ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के सभी थानों को अलर्ट कर दिया है। सभी थाना प्रभारियों को विशेष सतर्कता बरतते हुए नक्सल अभियान में तेजी लाने का आदेश दिया गया है। खासकर सारंडा क्षेत्र में एलआरपी और तेज करने को कहा गया है। पुलिस इन इलाकों में सीआरपीएफ के साथ मिलकर पहले से अभियान चला रही है। सीमावर्ती इलाकों में जहां से नक्सलियों के आने जाने की संभावना है। वहां चौकसी बरती जा रही है और नक्सल इलाकों के सभी थानों को भी सतर्क किया गया है।
सारंडा में नक्सली अनमोल का दस्ता सक्रिय
नक्सल प्रभावित सारंडा में एक बार फिर नक्सली सक्रियता बढ़ी है। खुफिया सूत्रों की मानें तो बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अनमोल उर्फ समर ने अपने दस्ते के साथ सक्रियता बढ़ायी है। दस्ता में शामिल करीब 20 हथियारबंद सदस्य छोटानागरा थाना क्षेत्र के कोलायबुरु, कुदलीबाद, उसरूईया, हतनाबुरु, बालिबा, कुमडीह गांव के जंगलों में विचरण करते देखे गए हैं। इस सूचना के बाद पुलिस सतर्कता बरत रही है। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान नक्सलियों ने चाईबासा, चक्रधरपुर समेत अन्य इलाकों में पोस्टरबाजी कर चुनाव का विरोध किया था मगर फोर्स की सक्रियता के कारण नक्सली चुनाव में किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे। फोर्स की तैनाती की वजह से वे अपनी मांद में ही घुसे रहे। जिले के सीमावर्ती सरायकेला में बड़ी घटना को अंजाम देकर नक्सलियों ने पुलिस को पुन: सीधी चुनौती दे दी है।
लेवी वसूली पर जोर दे रहे नक्सली
सूत्रों का कहना है कि सारंडा में चल रही विकास योजनाओं से जुड़े ठेकेदारों से लेवी वसूली के लिए नक्सलियों का दस्ता आया है, जो भी हो लेकिन सारंडा में नक्सली गतिविधियां का बढऩा सुरक्षा एजेंसियों व सारंडा के लोगों के लिए एक बार पुन: चिंता का विषय बना हुआ है।
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