एक करोड़ का इनामी नक्सली आकाश कर सकता है सरेंडर
इनामी नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ किसी भी दिन पुलिस के समक्ष सरेंडर कर सकता है। इसके लिए आकाश के कुछ सहयोगी पुलिस के संपर्क में हैं।
मनोज सिंह, जमशेदपुर। एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश अपने दस्ते के साथ किसी भी दिन पुलिस के समक्ष सरेंडर कर सकता है। इसके लिए आकाश के कुछ सहयोगी पुलिस के संपर्क में हैं। वे आत्मसमर्पण नीति के बारे जानकारी ले रहे हैं। पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि इसके लिए पुलिस भी सक्रिय हो गई है। जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे को आत्मसमर्पण की भनक मिली तो कई गांवों में इसकी नीति के बारे में पोस्टर को बंटवाया। कुछ स्थानों पर पोस्टर को चस्पा भी करवाया गया। जिससे आत्मसर्पण के बाद सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में नक्सलियों को जानकारी मिल सके। यह सब बोड़ाम थाना क्षेत्र के उन दर्जनों गांवों में किया गया जहां नक्सलियों का आना-जाना लगा रहता है।
मुठभेड़ व बादल की गिरफ्तारी से कमजोर हुआ दस्ता
एक माह पहले दलमा के कोंकादसा में बैठक कर रहे असीम मंडल उर्फ आकाश के दस्ते पर पुलिस ने धावा बोल दिया था। इस मुठभेड़ के बाद दलमा का कोंकादसा ठिकाना भी सुरक्षित नहीं रहा। इसके बाद से नक्सली आकाश व उसके प्रमुख साथी रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन दो भागों में बंट गए हैं। इसके बाद आकाश का प्रमुख सहयोगी पुनसा गांव निवासी बादल सोरेन के जेल जाने से दस्ता और कमजोर हो गया है। सोरेन नक्सलियों के लिए खाना, कपड़ा आदि उपलब्ध कराता था। बादल सोरेन के कहने पर ही आकाश दस्ता ने डिमना लेक के पास श्राीकांत हांसदा की हत्या एके 47 से गोली कर कर कर दी थी। इसी मामले में सोरेन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
बोड़ाम क्षेत्र के नक्सलियों पर इनाम
-असीम मंडल उर्फ आकाश - एक करोड़
-मदन महतो उर्फ शंकर - 15 लाख
-रामप्रसाद शर्मा उर्फ सचिन - 15 लाख
-सागर सिंह सरदार उर्फ बिरेन - 2 लाख
ये भी हैं सक्रिय
मदन महतो की पत्नी बुलू, मीता उर्फ नयन तारा, बेला सरकार, श्याम सिंकू उर्फ चमाई पिंगुआ, विरेन सिंह उर्फ सागर सिंह, अतुल उर्फ प्रकाश महतो, माणिक बिरहोर, बेला, जोबा, मीना, मालती, प्रदीप मंडल व समीर उर्फ मंगल शामिल हैं।
नक्सली गरीबों पर कर रहे जुल्म : एसएसपी
वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने कहा कि पुलिस का भारी दबाव व घेरेबंदी के कारण नक्सलियों के लिए अब सरेंडर करने के अलावा कोई उपाय नहीं है। श्रीकांत हांसदा की हत्या के बाद संथाल समाज नक्सलियों को सपोर्ट करना बंद कर दिया है। नक्सली संगठन के साथ अब कोई जुड़ना नहीं चाहता, क्योंकि पुलिस की पहुंच हर गांव व टोले तक हो गई है। पुलिस को सूचना मिली है कि अब नक्सलियों को खाना-पीना मुश्किल हो गया है। यही कारण है कि जंगल में रहने वाले गरीब तबके के सबर व पहाड़िया के घर पर भोजन करने पहुंच रहे हैं, जो खुद गरीब हैं। एसएसपी ने नक्सलियों को सचेत करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द सरेंडर कर दें। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के लिए श्रेणी के अनुसार देय राशि उपलब्ध जाएगी। सरकार की ओर से निर्धारित अन्य सुविधाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
पहले भी हुई है सरेंडर की चर्चा
इनामी नक्सली असीम मंडल उर्फ आकाश के सरेंडर की चर्चा पहले भी होती रही है। फरवरी-2017, जुलाई-2017 व अगस्त-2017 को आकाश के आत्मसमर्पण की बात पुलिस ने दबी जुबान से की थी। उस समय कहा गया था कि इनामी नक्सली पर पुलिस ने दबाव बनाया है। इस पर तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप टी. मैथ्यू ने भी हामी भरी थी।
पिछले दो साल में सरेंडर करने वाले प्रमुख इनामी नक्सली
- कान्हू मुंडा - 25 लाख
- फोगड़ा मुंडा - 15 लाख
- जितेन मुंडा - दो लाख
- शंकर मुंडा - दो लाख
- काजल मुंडा - दो लाख
- भोगलू सिंह - दो लाख
- चुन्नू मुंडा - दो लाख
- रंजीत पाल उर्फ राहुल - 25 लाख
- अनिता पाल उर्फ झरना गिरी।