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चीनी सेना के गुप्तचरों की तलाश में जुटीं खुफिया एजेंसिया

विष्णु चन्द्र पाल, पुरुलिया/ जमशेदपुर : प्रतिबंधित नक्सली संगठनों व नगा विद्रोहियों के माध्यम से देश क

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 10:44 PM (IST)
चीनी सेना के गुप्तचरों की तलाश में जुटीं खुफिया एजेंसिया
चीनी सेना के गुप्तचरों की तलाश में जुटीं खुफिया एजेंसिया

विष्णु चन्द्र पाल, पुरुलिया/ जमशेदपुर : प्रतिबंधित नक्सली संगठनों व नगा विद्रोहियों के माध्यम से देश को अशात करने में जुटी चीनी सेना की गुप्तचर इकाई की साजिश का दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश कर दिए जाने के बाद खुफिया एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं। अरुणाचल प्रदेश लेकर झारखंड, बंगाल, ओडिशा व छत्तीसगढ़ समेत नक्सल प्रभावित अन्य राज्यों में चीनी कनेक्शन की पड़ताल तेज हो गई है। अरुणाचल प्रदेश में चीनी गुप्तचरों से सहयोग से चलाए जा रहे उग्रवादी प्रशिक्षण कैंप को ध्वस्त करने की भी कार्रवाई आरंभ कर दी गई है।

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विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुफिया इनपुट के बाद सोमवार को जहा झारखंड-ओडिशा में जानकारी जुटाने का काम चला तो अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा बलों ने चागलाग जिले के सुदूर इलाकों में अभियान चलाया। इन्हीं इलाकों में चीनी सेना की गुप्तचर इकाई के अफसर नक्सलियों समेत अन्य विद्रोहियों को प्रशिक्षण देते हैं। खुफिया एजेंसियों ने 'जागरण' से भी जानकारी ली।

बताया जाता है कि सुरक्षा बलों के ऑॅपरेशन के दौरान रेलागकाग गाव में असम राइफल के जवानों के साथ उग्रवादी संगठन एनएससीएन ( खापलाग) के सदस्यों की भीषण मुठभेड़ हुई। इसी संगठन ने चीनी सेना के साथ नक्सलियों समेत अन्य विद्रोहियों को जोड़ा है। नगा उग्रवादी संगठन का दावा है असम राइफल के जवानों पर जवाबी कार्रवाई की गई। सुरक्षा बलों के सूत्रों ने नगा विद्रोहियों को भारी नुकसान होने की बात कही है। लगभग एक घटे तक चली मुठभेड़ के बाद नगा विद्रोही भागने को मजबूर हुए।

दूसरी ओर जानकारी मिली है कि सुरक्षा बलों का ऑपरेशन शुरू होते ही नगा संगठन का मुखिया म्यामार से भाग गया है जबकि चीनी सेना की गुप्तचर इकाई के अफसरों द्वारा की गई मीटिंग में शामिल झारखंड-बंगाल का माओवादी नेता रामाकृष्ण राव और संगठन के पोलित ब्यूरो का सदस्य वेनुगोपाल राव भी संभवत-छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित वेलाडिला पहाड़ी क्षेत्र में जाकर छिप गए हैं। दंतेवाड़ा की पहचान मजबूत नक्सली गढ़ के रूप में है।

बताते चलें कि दैनिक जागरण ने एक दिन पहले खबर प्रकाशित की थी कि चीनी सेना के गुप्तचरों की पहल पर गत जुलाई महीने में अरूणाचल प्रदेश के सुदूर गांव में उग्रवादी संगठनों के नेताओं की एक बैठक बुलाई गई थी। बंगाल-झारखंड के नक्सली नेता भी इसमें शामिल हुए थे।

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