यहां राम-रहीम, कृष्ण और गुरुनानक के नाम पर हैं पेड़, आपको हैरान करेगी इस पर्यावरण प्रेमी की कहानी
पर्यावरण संरक्षण के साथ स्वच्छता का संदेश भी जमशेदपुर के समरजीत दे रहे हैं। वे 18 साल में 1200 पेड़ लगा चुके हैं। खुद ट्री गार्ड का खर्च उठाते हैं।
जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। झारखंड में जमशेदपुर पूर्वी के गोलमुरी इलाके में जब आप सड़क से गुजरेंगे तो बरबस नजरें कुछ पेड़ों पर टिक जाएंगी। तार की जाली से घेरे गए इन पेड़-पौधों के बाड़े पर भगवान नाम लिखे हुए हैं। इन पेड़ों को भगवान के उन्हीं रूपों का प्रतीक माने जाने की भी अपील की गई है।
खास बात यह है कि पेड़ों के भगवान के नाम से नामकरण में यहां सर्वधर्म सद्भाव भी दिखता है। राम, कृष्ण, रहीम, गुरुनानक देव, गुरुगोविंद सिंह और रविदास के रूप ये पेड़-पौधे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं। जमशेदपुर के समरजीत सिंह चावला पिछले कई वर्षों से पेड़-पौधों का संरक्षण और संवर्धन कुछ इसी अंदाज में कर रहे हैं।
पौधों के आसपास गंदगी फैलाने से रोकना मकसद
समरजीत बताते हैं कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए अनिवार्य हैं। सदियों से ये पूज्य रहे हैं। पेड़-पौधों के आसपास लोगों को मल-मूत्र त्याग करते और गंदगी फैलाते देखते थे तो तकलीफ होती है। ऐसे में बहुत सोच-विचार कर पहले पेड़-पौधे लगाने और फिर उनकी देखभाल करने और पेड़-पौधों के आसपास गंदगी न फैलाने के प्रति लोगों को जागरूक किया। इसके बाद भी गंदगी देख दुख होता था। फिर मन में यह विचार आया और पेड़-पौधों को अपने खर्च से तार की जाली (ट्री गार्ड) से घेर कर उन पर भगवान, महापुरुषों और धर्मोपदेशक गुरुओं के नाम लिखवा दिए। इसमें धर्मों से जुड़े देवताओं और महापुरुषों के नाम लिखवाए। अब कोई भी पेड़-पौधों के आसपास गंदगी फैलाता हुआ नजर नहीं आता।
चलाया प्रभावी अभियान
गोलमुरी के विजयनगर निवासी समरजीत 2002 में उषा मार्टिन कंपनी से शिफ्ट मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हुए। अब वह 78 साल के हैैं। जब वह गोलमुरी में रहने के लिए आए तो यहां गंदगी का अंबार देखकर मन दुखी हो गया। इसलिए खुद ही पूरे क्षेत्र की सफाई करने का बीड़ा उठाया। अपने पैसों से वॉल पेंटिंग करा लोगों से अपील की कि कचरा कूड़ेदान में ही डालें। जहां से कचरे की सफाई की, वहीं एक पौधा भी लगा दिया।
अब तक लगा चुके हैं 1200 पौधे
समरजीत पिछले 18 वर्षों में लगभग 1200 पौधे लगा चुके हैं। पेड़ों को बचाने के लिए अपने पैसे से ट्री गार्ड लगाते हैं। एक ट्री गार्ड की कीमत लगभग छह हजार रुपये है। यह काम वह अपनी पेंशन से करते हैं। वह अब तक अपने आवासीय क्षेत्र विजयनगर, आकाशदीप प्लाजा के सामने वाली सड़क, शिव मंदिर लाइन, मिलन रोड व बस्ती के मुख्य द्वार पर पौधे लगाकर उसे भगवान का नाम दे चुके हैं। वह हर दिन खुद पौधों की देखरेख कर उन्हें पानी भी देते हैं। समरजीत के साथ इस नेक काम में उनके परिजन भी साथ देते हैैं।
पौधों से फूल खिलते जो झूम उठता मन
कामिनी, रात रानी, अशोका, जावा और बकूल के पौधों से फूल खिलते हैं तो देख कर मन झूम उठता है। अब तो इसका उपयोग स्थानीय लोग भी पूजा पाठ के लिए करते हैं। जीवन बचाए रखने के लिए पेड़ लगाना जरूरी है। -समरजीत सिंह चावला, पर्यावरण प्रेमी, जमशेदपुर